Finance Ministy: इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में आने वाले समय में बड़ा बदलाव देखने को म‍िल सकता है. अगर सरकार की तरफ से सुझाए गए प्रस्‍ताव पर मुहर लगती है तो आने वाले समय में इसका असर आपकी जेब पर भी देखने को म‍िलेगा. जी हां, फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री ने इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में फारेन डायरेक्‍ट इनवेस्‍टमेंट (FDI) बढ़ाकर 100 प्रत‍िशत करने का प्रस्‍ताव द‍िया है. इसके अलावा पेड-अप कैप‍िटल में कमी और कम्‍पोज‍िट लाइसेंस का प्रस्‍ताव भी म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से द‍िया गया है. ये बदलाव इंश्‍योरेंस एक्‍ट-1938 के व‍िभ‍िन्‍न प्रावधानों में क‍िये जाने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं.


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10 दिसंबर तक आम लोगों से टिप्पणियां मांगी


ड‍िपार्टमेंट ऑफ फाइनेंश‍ियल सर्व‍िसेज (DFS) ने इन पर 10 दिसंबर तक आम लोगों से टिप्पणियां मांगी हैं. सरकार की तरफ से दिए गए प्रस्ताव के अनुसार इंड‍ियन इंश्‍योरेंस कंपन‍ियों में एफडीआई (FDI) की ल‍िम‍िट 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दी जाएगी. डीएफएस (DFS) ने इंश्‍योरेंस एक्‍ट 1938, जीवन बीमा निगम अधिनियम 1956 और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 में प्रस्तावित संशोधन पर दूसरी बार पब्‍ल‍िकी परामर्श मांगा है. वित्त मंत्रालय ने इससे पहले दिसंबर, 2022 में भी इंश्‍योरेंस एक्‍ट, 1938 और इंश्‍योरेंस डेवलपमेंट रेग्‍युलेटरी एक्‍ट (Insurance Regulatory Development Act), 1999 में प्रस्तावित संशोधनों पर टिप्पणियां मंगाई थीं.


100 प्रत‍िशत एफडीआई की मंजूरी से म‍िलेगा फायदा
इस बारे में इंश्‍योरेंस रेग्‍युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉर‍िटी (IRDAI) और इंडस्‍ट्री के परामर्श से सेक्‍टर को रेग्‍युलेट करने वाले विधायी ढांचे की व्यापक समीक्षा की गई है. ज्ञापन में कहा गया कि प्रस्तावित संशोधन इंश्‍योरेंस लेने वाले के फायदे को ध्‍यान में रखकर, उनकी फाइनेंश‍ियल स‍िक्‍योर‍िटी बढ़ाने, इंश्‍योरेंस मार्केट में ज्‍यादा कंपनियों के एंट्री के ल‍िए आसानी, आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने पर फोकस्‍ड है. इन बदलावों से इंश्‍योरेंस की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी और ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ का लक्ष्य हासिल क‍िया जा सकेगा. आपको बता दें अभी देश में 25 लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनियां और 34 नॉन-लाइफ या जनरल इंश्‍योरेंस कंपनियां हैं. इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में यद‍ि 100 प्रत‍िशत एफडीआई को मंजूरी म‍िलती है तो आपको क्‍या फायदा होगा? आइए जानते हैं-


कॉम्‍पटीशन बढ़ने से सस्‍ता होगा इंश्‍योरेंस!
एफडीआई बढ़ने से इंश्‍योरेंस मार्केट में ज्‍यादा कंपनियों की एंट्री होगी. इससे बाजार में कॉम्‍पटीशन बढ़ेगा और ग्राहकों को बेहतर प्रोडक्‍ट और सर्व‍िस म‍िल सकेंगी. इसके अलावा विदेशी कंपनियों के बाजार में एंट्री करने से नई टेक्‍नोलॉजी और प्रोसेस होंगे. इससे इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में दक्षता बढ़ेगी और प्रोसेस ज्‍यादा ट्रांसपेरेंट होगा.


नौकर‍ियों के मौके बढ़ेंगे
एफडीआई से इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में निवेश बढ़ेगा. इससे इंश्‍योरेंस कंपनियां अपनी पहुंच बढ़ा सकेंगी और गांवों में भी इंश्‍योरेंस सर्व‍िस म‍िलेंगी. इसके अलावा इनवेस्‍टमेंट बढ़ने से इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में नौकरी के नए मौके पैदा होंगे. इससे रोजगार के अवसर बनेंगे और देश की इकोनॉमी को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. एफडीआई से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा. इससे ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग इंश्‍योरेंस के दायरे में आएंगे और उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिलेगी.