RBI Deputy Governor: वित्त मंत्रालय ने आरबीआई (RBI) के डिप्टी गवर्नर पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह नियुक्ति डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के स्थान पर होगी, जिनका विस्तारित कार्यकाल 14 जनवरी 2025 को समाप्त हो रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर का यह पद इकोनॉम‍िस्‍ट के लिए है. चयनित उम्मीदवार मौद्रिक नीति विभाग की देखरेख करेगा और दर निर्धारण समिति ‘मौद्रिक नीति समिति’ (MPC) का भी सदस्य होगा. सार्वजनिक घोषणा में उल्लिखित पात्रता मानदंडों के अनुसार, आवेदकों के पास भारत सरकार में सचिव या समकक्ष लेवल पर अनुभव सहित लोक प्रशासन में कम से कम 25 साल का अनुभव होना चाहिए.


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कम से कम 25 साल का अनुभव होना जरूरी


इसके अलावा किसी भारतीय या अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक वित्तीय संस्थान में कम से कम 25 साल के कार्य अनुभव वाले भी आवेदन कर सकते हैं. इसमें कहा गया, 15 जनवरी 2025 तक उम्मीदवारों की आयु 60 साल से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. यह नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए है तथा व्यक्ति री-अपाइंनमेंट के ल‍िए पात्र होगा. इस पद पर मंथली सैलरी 2.25 लाख रुपये (लेवल-17) होगा. वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख 30 नवंबर 2024 है.


केंद्रीय बैंक में होते हैं चार डिप्टी गवर्नर
आपको बता दें केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं. मौद्रिक नीति विभाग की देखरेख के लिए एक इकोनॉम‍िस्‍ट, एक कमर्श‍ियल बैंकर और दो बैंक से लिए जाते हैं. नोटिस में कहा गया, ‘यह ध्यान देने योग्य है कि वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) योग्यता के आधार पर किसी अन्य व्यक्ति की भी पहचान करने और सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र है, जिसने पद के लिए आवेदन नहीं किया है.’


दो बार एक साल का विस्तार दिया गया था 
इसमें कहा गया, ‘समिति उत्कृष्ट उम्मीदवारों के संबंध में पात्रता और योग्यता/अनुभव मानदंड में छूट की भी सिफारिश कर सकती है.’ एफएसआरएएससी की अध्यक्षता मंत्रिमंडल सचिव करते हैं. समिति के अन्य सदस्यों में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, आरबीआई गवर्नर और तीन बाहरी विशेषज्ञ शामिल हैं. पात्रा को पहली बार जनवरी 2020 में तीन साल के कार्यकाल के लिए डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था. बाद में उन्हें दो बार एक साल का विस्तार दिया गया था. (भाषा)