‘राजकोषीय घाटा कम करने के लक्ष्य पर कायम रहेगी सरकार’
सरकार ने आज (शुक्रवार) कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में विकास खर्च और व्यय से समझौता किए बगैर राजकोषीय स्थिति ठोस बनाने की अपनी योजना पर कायम रहेगी।
नई दिल्ली: सरकार ने आज (शुक्रवार) कहा कि वह चालू वित्त वर्ष में विकास खर्च और व्यय से समझौता किए बगैर राजकोषीय स्थिति ठोस बनाने की अपनी योजना पर कायम रहेगी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सरकार राजकोषीय स्थिति सुदृढ करने के लक्ष्यों से समझौता किए बगैर सालाना बजट में निर्धारित कोषों के उचित एवं प्रभावी उपयोग सुनिश्चित कर समावेशी एवं सतत विकास को मजबूत करने और उसे बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्ध है।’ वित्त वर्ष 2015-16 के लिए निर्धारित सूझबूझ भरी नीतियों से इस वर्ष नवंबर के अंत तक राजकोषीय घाटा 4.83 लाख करोड़ रुपए या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान के 87 प्रतिशत तक सीमित रहा।
बयान में कहा गया है, ‘चालू वित्त वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा, जो आय और व्यय के बीच का अंतर होता है, 5.35 लाख रुपए (सकल घरेलू उत्पाद का 3.9 प्रतिशत) रहने का अनुमान लगाया गया है।’ राजकोषीय स्थिति में इससे पिछले वर्ष की तुलना में सुधारी है क्यों कि पिछले वित्त वर्ष की इस अवधि में राजकोषीय घाटा 2014-15 के बजट अनुमान के 98.9 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
इसी तरह राजस्व घाटा नवंबर 2015 तक 2,64,404 करोड़ रुपए रहा जो नवंबर 2014 के मुकाबले 20 प्रतिशत या 65,087 करोड़ रुपए कम है।
चालू वर्ष के बजट में योजना गत व्यय 1,35,257 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था। उसमें नवंबर तक 97,788 करोड़ रुपए यानी 72 प्रतिशत व्यय हो चुका है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में केवल 52 प्रतिशत योजना व्यय