Rice export ban: केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर सीमा शुल्क को समाप्त कर दिया है. शुक्रवार देर रात जारी अधिसूचना में राजस्व विभाग ने उसना चावल, भूसी वाले (भूरे चावल) और भूसी वाले चावल (धान या कच्चे) पर भी निर्यात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है.


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चावल की इन किस्मों के साथ-साथ गैर-बासमती सफेद चावल पर निर्यात शुल्क अब तक 20 प्रतिशत था. अधिसूचना में कहा गया है कि ये नई दरें 27 सितंबर, 2024 से प्रभावी हो गई हैं.


शुक्रवार को ही केंद्र सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध हटा दिया था. जुलाई 2023 में सरकार ने चावल की घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्रतिबंध लगाया था. निर्यातकों ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे क्षेत्र के लिए "गेम-चेंजर" करार दिया.


चावल निर्यात में गिरावट


राइस विला के सीईओ सूरज अग्रवाल ने इस फैसले को लेकर कहा, "गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का भारत का साहसिक फैसला कृषि क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी है.


वित्त वर्ष 2024 में भारत का चावल निर्यात 6.5% गिरकर पिछले वित्त वर्ष के 11.14 बिलियन डॉलर से 10.42 बिलियन डॉलर हो गया, जिसका मुख्य कारण जुलाई 2023 में गैर-बासमती चावल के शिपमेंट में गिरावट थी. 


रेट में तेजी आने की संभावना


सरकार द्वारा गैर-बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटाने का असर धान के रेटों पर भी होगा. व्यापारियों को उम्मीद है कि चावल निर्यात से प्रतिबंध हटने से बाजार में तेजी आएगी, जिससे किसानों को भी फायदा होगा.