Ration Card: राशन के लिए लाइन में खड़े होने का झंझट खत्म! बैंक अकाउंट में आएगा अनाज का पैसा
Siddaramaiah Govt: राज्य में अंत्योदय अन्न योजना के तहत 1.28 करोड़ राशन कार्ड लाभार्थी हैं. इनमें से 99 प्रतिशत को आधार नंबर के साथ लिंक किया गया है. इसके अलावा करीब 1.06 करोड़ (82 प्रतिशत) लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट एक्टिव हैं.
Anna Bhagya Scheme: अगर आप भी सरकार की फ्री राशन योजना के तहत राशन लेते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने राशन कार्ड के लाभार्थियों के लिए नई योजना शुरू की है. अब सरकार अन्न भाग्य योजना के तहत 170 रुपये अकाउंट में ट्रांसफर करेगी. यह पैसा गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवार को 5 किलो अतिरिक्त चावल के लिए दिये जाएंगे. यह पैसा परिवार के मुखिया के आधार नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट में भेजी जाएगी.
अंत्योदय योजना के तहत 1.28 करोड़ लाभार्थी
आपको बता दें राज्य में अंत्योदय अन्न योजना के तहत 1.28 करोड़ राशन कार्ड लाभार्थी हैं. इनमें से 99 प्रतिशत को आधार नंबर के साथ लिंक किया गया है. इसके अलावा करीब 1.06 करोड़ (82 प्रतिशत) लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक अकाउंट एक्टिव हैं. इन लाभार्थियों को डीबीटी के जरिये 34 रुपये प्रति किलो की दर से 5 किलो अतिरिक्त चावल के लिए पैसा दिया जाएगा. यह पैसा लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा.
22 लाख परिवारों को नहीं मिलेगा फायदा
हालांकि, 22 लाख बीपीएल परिवारों को 'अन्न भाग्य योजना' के तहत अभी फायदा नहीं मिल सकता है. दरअसल, ये वो लोग हैं जिनके बैंक अकाउंट आधार से लिंक नहीं हैं. 'अन्न भाग्य योजना' में बीपीएल परिवार से जुड़े प्रत्येक लाभार्थी को 5 किलो चावल दिया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा भी किया गया था.
अन्न भाग्य योजना क्या है?
अन्न भाग्य योजना कर्नाटक सरकार की मुफ्त चावल योजना है. इसके तहत बीपीएल कैटेगरी के परिवार को हर महीने 10 किलो चावल देने का वायदा किया गया है. 10 किलो में से 5 किलो चावल केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा. यह लाभार्थियों को पिछले काफी समय से मिल रहा है. राज्य सरकार ने अतिरिक्त 5 किलो चावल देने की घोषणा की है. लेकिन इसके बदले में लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में हर महीने 170 रुपये ट्रांसफर किये जा रहे हैं. सरकार की तरफ से यह बदलाव एफसीआई (FCI) से चावल नहीं खरीद पाने के कारण हुआ है.