नई दिल्ली: कोरोना संकट में देश की इकोनॉमी में नई जान फूंकने और डिमांड बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ बड़े ऐलान किए हैं. वित्त मंत्री ने देश में डिमांड बढ़ाने के लिए तीन मुख्य कदमों का प्रस्ताव किया है. इसमें केंद्रीय कर्मचारियों के LTC से लेकर एडवांस स्कीम तक शामिल है. आइए इन्हें एक-एक कर समझते हैं. 



1. LTC कैश वाउचर स्कीम


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इस कैश वाउचर्स से केंद्रीय कर्मचारी को कोई भी सामान खरीदने या सर्विस के लिए कर सकता है. लेकिन उसे LTC की रकम का तीन गुना खर्च करना होगा. कर्मचारी को वो ही सामान खरीदने होंगे जिन पर 12 परसेंट या इसके ऊपर GST लगता हो. सामान सिर्फ GST रजिस्टर्ड वेंडर्स से ही लेना होगा. कर्मचारी ने जहां खर्च किया है उसकी इनवॉयस भी दिखानी होगी तभी उसे छूट मिलेगी. इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाली 10 दिन के लीव इनकैशमेंट को भी खर्च करना होगा. ये सारे खर्चे उसे 31 मार्च 2021 तक करने होंगे.  ये सभी खर्चे और खरीद का पेमेंट डिजिटल मोड में ही होना चाहिए.


आपको बता दें कि केंद्रीय कर्मचारियों को हर चार साल में अपनी पसंद की एक यात्रा और एक बार अपने होमटाउन जाने के लिए LTC मिलता है, लेकिन कोरोना संकट की वजह से वो इस बार कहीं नहीं जा सके. तो सरकार अब किराए को कैश वाउचर्स के रूप में कर्मचारियों को देगी, जिसे उन्हें 31 मार्च 2021 तक खर्च करना है. सरकार को उम्मीद है कि इससे देश में खर्च बढ़ेगा. 


इस स्कीम से केंद्रीय कर्मचारियों पर 5,675 करोड़ रुपये मिलेंगे. अगर सरकारी कंपनियां और सरकारी बैंक भी इसे लागू करती हैं तो 1900 करोड़ रुपये और मिलेंगे. अगर राज्य सरकारें और प्राइवेट सेक्टर भी केंद्र की इस बात को मानते हैं तो 19,000 करोड़ रुपये की डिमांड पैदा होगी. 


2. स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम


सरकार डिमांड बढ़ाने के लिए त्योहारों के सीजन को भुनाना चाहती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काह कि जब सातवां वेतन आयोग आया था, तबक एडवांस का प्रावधान नहीं था, इसके लिए एडवांस स्कीम चलती थी. सरकार एक बार फिर स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है. इस स्कीम के जरिए हर केंद्रीय कर्मचारी को 10,000 रुपये एडवांस देने का प्रावधान किया गया है. ये इंटरेस्ट फ्री एडवांस होगा, जिसे 10 किश्तों में चुकाया जा सकेगा. ये एडवांस रूपे डेबिट कार्ड में प्री-लोडेड होगा. ये वन टाइम एडवांस स्कीम होगी, जो सिर्फ इस फेस्टिव सीजन के लिए शुरू होगी. 


3. राज्यों को ब्याज मुक्त लोन 


केंद्र सरकार राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का लोन देगी. ये लोन 50 साल के लिए दिया जाएगा, जो पूरी तरह से ब्याजमुक्त होगा. राज्यों को ये कर्ज उनके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए दिया जाएगा, ताकि इकोनॉमी को थोड़ी रफ्तार मिल सके. 


इस रकम में से 1,600 करोड़ रुपये नॉर्थ-ईस्ट राज्यों को दिया जाएगा, 900 करोड़ उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को मिलेगा. बाकी 7500 करोड़ रुपये दूसरे राज्यों को दिया जाएगा. 2000 करोड़ रुपये उन राज्यों को दिए जाएंगे जो पहले दिए गए रिफॉर्म्स को पूरा करते हैं. 


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस रकम को नए या चल रहे प्रोजेक्ट्स पर खर्च करना होगा. इस कर्ज से राज्य कॉन्ट्रैक्टर्स और सप्लायर्स के बिल का निपटारा कर सकते हैं, लेकिन पूरी रकम 31 मार्च 2021 तक खर्च करनी होगी. ये लोन अभी राज्यों की उधार लेने की सीमा के ऊपर होगा. यानी उन्हें जितना लोन मिलता है, उसके ऊपर ये लोन दिया जाएगा. इस लोन को 50 साल बाद चुकाना होगा. 


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