नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के साथ ही उद्योग मंडल एसोचैम ने विपक्षी दलों से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने में मदद करने की अपील की है। एसोचैम का कहना है कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों में जीएसटी भारत के लिये ‘ब्रह्मास्त्र’ साबित हो सकता है।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एसोचैम के नये अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने गुरुवार को अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के लिहाज से जीएसटी ‘ब्रह्मास्त्र’ का काम कर सकता है। सभी दलों के सांसदों को बिना देरी के इस संविधान संशोधन विधेयक को पारित करना चाहिये।’ कनोरिया ने कहा, ‘जीएसटी के पारित होने से दुनिया में निवेशकों को मजबूत संकेत जायेगा कि गंभीर वैश्विक संकट के बावजूद मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ सकती है।’ उन्होंने कहा कि इस समय अर्थव्यवस्था में मांग सुस्त चल रही है। पेरिस में आतंकी हमले के बाद से भू-राजनीतिक परिस्थितियां अनिश्चित बनीं हुई हैं, दूसरी तरफ वैश्विक बाजार में उपभोक्ता जिंसों के दाम में भारी गिरावट आई है।


कनोरिया ने कहा कि जीएसटी के आने से अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में कई तरह के करों से छुटकारा मिलेगा और उत्पादन की लागत कम होगी। इसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। महंगाई पर भी अंकुश लगेगा। इससे भी बड़ी बात यह होगी कि जीएसटी के पारित होने से राजनीतिक एकता और राष्ट्रीय हित के लिये आगे बढ़कर इच्छाशक्ति देखने को मिलेगी।


कनोरिया ने कहा कि जीएसटी के समय पर पारित होने से देश की जीडीपी में एक से डेढ़ प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह मौजूदा 7.3 प्रतिशत से बढ़कर 9 प्रतिशत तक जा सकती है।