कैंसर की दवा और नमकीन पर घटा GST, हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स कटौती कब? पढ़िए GST काउंसिल की मीटिंग में क्या-क्या हुआ?
GST council meet: सरकार ने कैंसर की दवाओं पर टैक्स की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत और नमकीन पर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है.
GST Council Meeting: GST काउंसिल की 54वीं बैठक में सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि जीएसटी परिषद ने हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स की दर कम करने के लिए मंत्री समूह गठित करने का निर्णय लिया है. साथ ही कैंसर की दवाओं और नमकीन पर जीएसटी को घटाने का फैसला किया है.
जीएसटी परिषद ने सोमवार को हुई बैठक में कैंसर की दवाओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत और नमकीन पर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का फैसला किया गया.
हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर फैसला अगली बैठक में
सोमवार को आयोजित जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में लिए गये फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर में कमी के मामले पर विचार करने के लिए मंत्री समूह के गठन का निर्णय किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्री समूह (जीओएम) की अगुवाई बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी करेंगे. वह जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने के मंत्री समूह के भी प्रमुख हैं. हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर के बारे में विचार के लिए मंत्री समूह में नये सदस्य शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि यह ग्नुप अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगा.
सूत्रों का कहना है कि अधिकांश राज्य बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती के पक्ष में हैं क्योंकि मासिक जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होने से करदाताओं के अनुकूल उपाय करने की गुंजाइश बनी हुई है. यदि जीएसटी दरें कम की जाती हैं तो यह करोड़ों पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि प्रीमियम राशि घट जाएगी.
ऑनलाइन गेमिंग से हुई बंपर कमाई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लगाने से राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. ऑनलाइन गेम पर जीएसटी की घोषणा के बाद से पिछले छह महीनों में राजस्व 412 प्रतिशत बढ़कर 6909 करोड़ हो गया है. केसीनो में भी 30 प्रतिशत राजस्व की वृद्धि देखी गई है.
उन्होंने यह भी कहा कि आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) पर अतिरिक्त सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति बनाई जाएगी. इसमें बहुत असंतुलन की स्थिति है. यह राज्यों से राशि वापस लेने के तरीकों पर गौर करेगी.