हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बड़ा फैसला, GST हटा सकती है सरकार; इन लोगों को मिलेगी छूट
Health Insurance GST News: मंत्री समूह के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मंत्रिसमूह का हर सदस्य लोगों को राहत देना चाहता है. हम परिषद को एक रिपोर्ट सौंपेंगे. अंतिम निर्णय परिषद द्वारा लिया जाएगा.
Health insurance GST Rate: लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और सीनियर सिटीजन के हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. मामले से अवगत एक अधिकारी ने शनिवार को कहा है कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) और स्वास्थ्य कवर के लिए वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम को टैक्स से छूट मिलने की संभावना है.
उन्होंने आगे कहा कि लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी दर तय करने के लिए मंत्री समूह की बैठक में वरिष्ठ नागरिकों के अलावा 5 लाख रुपये के कवरेज वाले स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का फैसला किया गया है. हालांकि, इस संबंध में अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा.
5 लाख से अधिक के इंश्योरेंस पर लगता रहेगा GST
रिपोर्ट के मुताबिक, पांच लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवरेज के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा. इस समय सावधि पॉलिसी और ‘फैमिली फ्लोटर’ पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है.
अधिकारी ने कहा कि मंत्री समूह के सदस्य बीमा प्रीमियम पर दरों में कटौती के लिए व्यापक रूप से सहमत हैं. अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा. वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मंत्रिसमूह का हर सदस्य लोगों को राहत देना चाहता है. वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. हम परिषद को एक रिपोर्ट सौंपेंगे. अंतिम निर्णय परिषद द्वारा लिया जाएगा.
संयोजक सम्राट चौधरी ने क्या कहा?
मंत्री समूह के संयोजक सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए भुगतान किए गए बीमा प्रीमियम पर कोई जीएसटी नहीं लग सकता है, भले ही कवरेज राशि कितनी भी हो. जीएसटी परिषद ने पिछले महीने अपनी बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का निर्णय लिया था.
मइस बैठक में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं. मंत्री समूह को अक्टूबर के अंत तक परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था.
(इनपुट- भाषा)