GST Slab Change: सोशल मीड‍िया पर जीएसटी को काफी खबरें चल रही हैं. सोशल मीड‍िया पर वायरल हो रही इन खबरों में दावा क‍िया जा रहा है क‍ि सरकार ने 18 जुलाई से जीएसटी के न‍ियमों में बदलाव कर द‍िया है. इन न‍ियमों के तहत यद‍ि आप क‍िराये पर रहते हैं तो आपको किराये के अलावा 18 प्रत‍िशत जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा. वायरल हो रही खबर को पढ़कर क‍िराये पर रहने वाले काफी च‍िंत‍ित हैं.


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पीआईबी फैक्‍ट चेक में सामने आई हकीकत
इस मैसेज के दावा पर यकीन करें तो 10 हजार रुपये के क‍िराये के एवज में आपको 18 प्रत‍िशत की जीएसटी के साथ 11,800 रुपये का भुगतान करना होगा. इस वायरल मैसेज की पीआईबी फैक्‍ट चेक (#PIB Fact Check) ने पड़ताल की तो इस खबर को पूरी तरह फेक बताया गया. PIB Fact Check की तरफ से बताया गया क‍ि हाउस रेंट पर 18% जीएसटी की खबर न‍िराधार है. इसके अलावा इस पर सरकार का बयान भी आया है.


व्‍यक्‍त‍िगत यूज पर कोई जीएसटी देय नहीं
पीआईबी की तरफ से क‍िए ट्वीट में कहा गया क‍ि 'रेजिडेंशियल यूनिट का किराया टैक्स योग्य तब ही होता है, जब इसे किसी जीएसटी में रजिस्टर्ड कंपनी को ब‍िजनेस के मकसद से क‍िराये पर दिया जाता है.' इसमें यह भी साफ क‍िया गया क‍ि व्‍यक्‍त‍िगत यूज के यद‍ि कोई किराये पर लेता है तो क‍िसी प्रकार का जीएसटी देय नहीं होगा.'


क्या है नियम?
जीएसटी बैठक के बाद सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार यद‍ि कोई व्यक्ति रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी को बिजनेस के ल‍िए रेंट पर लेता है तो उसके ल‍िए जीएसटी देना जरूरी है. जानकारों की मानें तो सैलरीड क्‍लॉस के रेजिडेंशियल घर या फ्लैट क‍िराये पर लेने पर जीएसटी देय नहीं होता. जब पंजीकृत व्यक्ति या संस्था कारोबार करती है, तब ही जीएसटी देना जरूरी होता है.


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