HDFC Bank ने करोड़ों ग्राहकों को दिया बड़ा झटका, अब महंगा हो गया कर्ज, लागू हो गए नए रेट्स
MCLR Rate: देश के सबसे बडे़ प्राइवेट बैंक ने करोड़ों ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. अगर आपका भी इस प्राइवेट बैंक में खाता है तो अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगें. HDFC Bank ने कर्ज महंगा कर दिया है.
HDFC Bank MCLR Rate: देश के सबसे बडे़ प्राइवेट बैंक ने करोड़ों ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. अगर आपका भी इस प्राइवेट बैंक में खाता है तो अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगें. HDFC Bank ने कर्ज महंगा कर दिया है. बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) रेट्स में इजाफा कर दिया है. इस बारे में बैंक की तरफ से जानकारी दी गई है. बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, MCLR की नई दरें 8 मई, 2023 से देशभर में लागू हो गई हैं.
ग्राहकों की EMI पर पड़ेगा असर
आपको बता दें इसका सीधा असर आपकी EMI पर पड़ेगा. मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) रेट में 0.05 फीसदी से 0.15 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है.
बैंक ने दी जानकारी
HDFC बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ओवरनाइट के लिए MCLR 7.95 फीसदी हो गया है. 1 महीने के लिए 8.10 फीसदी फीसदी, 3 महीने पर 8.40 फीसदी, 6 महीने पर 8.80 फीसदी, 1 साल पर 9.05 फीसदी 2 साल पर 9.10 फीसदी और 3 साल के लिए MCLR 9.20 फीसदी हो गया है.
नए और पुराने दोनों ग्राहकों पर होगा असर
बैंक समय-समय पर इन रेट्स में बदलाव करता रहता है. MCLR बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, ऑटो लोन की ब्याज दरें बढ़ जाएंगी. HDFC के रेट बढ़ जाने से नए और पुराने लोन लेने वाले दोनों ही तरह के ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी. उनको पहले की तुलना में ज्यादा पैसा खर्च करना होगा. यह बढ़ोतरी फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर लागू होती है, फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर नहीं. साथ ही एमएसीएलआर बढ़ने के बाद ईएमआई रीसेट डेट पर ही बढ़ेगी.
क्या होता है MCLR Rates?
MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) वह रेट है जिसमें न्यूनतम ब्याज दर से होती है. बता दें इस दर के नीचे कोई भी बैंक किसी भी ग्राहक को लोन नहीं दे सकता है. यह एक तरह से मिनिमम रेट होता है. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है.