ओडिशा में महंगाई सबसे ज्यादा, यहां मौज से रह रहे लोग; रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़े से खुलासा
Inflation in March: पिछले दिनों जारी किये गए आंकड़ों से पता चला है कि खाद्य महंगाई दर मामूली कमी से मार्च में खुदरा महंगाई दर पांच महीने के निचले स्तर 4.9% पर आ गई. यह फरवरी में दर्ज किए गए 5.1% से कम है.
Inflation in Delhi: महंगाई का बोलबाला देशभर में है. आरबीआई की तरफ से मंहगाई दर को एक निश्चित दायरे में रखने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन ओडिशा में महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. मार्च में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओडिशा की महंगाई दर सबसे ज्यादा रही. इसके बाद असम और हरियाणा का नंबर रहा. वहीं राजधानी दिल्ली में सबसे कम महंगाई दर्ज की गई. 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 13 के हर महीने के आधार पर आंकड़े जारी किये जाते हैं. पिछले दिनों महंगाई दर गिरकर 4.9% पर पहुंच गई है. ओडिशा में महंगाई दर 7.1% दर्ज की गई, इसके बाद असम और हरियाणा में यह 6.1% रही.
असम और हरियाणा में दूसरी सबसे ज्यादा महंगाई
बिहार की महंगाई दर 5.7% की दर दर्ज की गई, तेलंगाना में यह आंकड़ा 5.6% पर रहा. दिल्ली में सबसे कम महंगाई दर 2.3% रही, उत्तराखंड में 3.6%, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में 3.7% और हिमाचल प्रदेश में 4.1% की दर रही. ओडिशा में ग्रामीण क्षेत्रों में भी सबसे ज्यादा महंगाई दर 7.3% दर्ज की गई, उसके बाद हरियाणा में 7.2% रही. ओडिशा के शहरी क्षेत्र के लिए सबसे ज्यादा महंगाई दर 6.5% रही, उसके बाद राजस्थान और तेलंगाना का नंबर रहा. पिछले दिनों जारी किये गए आंकड़ों से पता चला है कि खाद्य महंगाई दर मामूली कमी से मार्च में खुदरा महंगाई दर पांच महीने के निचले स्तर 4.9% पर आ गई. यह फरवरी में दर्ज किए गए 5.1% से कम है. इस दौरान ग्रामीण महंगाई दर 5.5% पर थी, जबकि शहरी महंगाई 4.1% थी.
महंगाई दर अलग-अलग होने के कई कारण
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच महंगाई दर अलग-अलग होने के कई कारण हैं. इनमें सप्लाई मैनेजेंट और मौसम संबंधी घटनाओं का प्रभाव शामिल है. हाल के महीनों में खुदरा महंगाई दर कम हुई है, ऐसा सब्जियों, दालों और कुछ खाद्य पदार्थों में दबाव बने हुए हैं. जानकारों का कहना है कि उन्हें खाद्य और पेय पदार्थों की महंगाई दर करीब 7% रहने की उम्मीद है. देश के कुछ हिस्सों में होने वाली अपेक्षित लू से सब्जियों और खराब होने वाली वस्तुओं की कीमत पर ताजा दबाव पड़ने की संभावना है.
दूसरी छमाही में रेपो रेट पर कदम उठा सकता है RBI
मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव की कारण ग्लोबल लेवल पर क्रूड ऑयल की कीमत में तेजी आने से भी आने वाले महीनों में कीमत पर दबाव बढ़ सकता है. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद हाल के सप्ताह में कम हुई है. जानकारों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में रेपो रेट पर कदम उठाएगा. अप्रैल की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य कीमतों की अनिश्चितताएं आगे चलकर महंगाई की गति पर असर डाल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि रबी गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन कीमत के दबाव को कम करने और बफर स्टॉक को फिर से भरने में मदद करेगा. सामान्य मानसून के शुरुआती संकेत खरीफ सीजन के लिए अच्छे हैं.