Hitachi Energy Plan: ह‍िताची एनर्जी ने देश में अगले चार से पांच साल में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्‍लान बनाया है. स्विट्जरलैंड बेस्‍ड कंपनी की इंड‍ियन यून‍िट हिताची एनर्जी इंडिया के एमडी और सीईओ (भारत और दक्षिण एशिया) एन वेणु ने कहा कि यह निवेश ट्रांसफॉर्मर क्षमता बढ़ाने, प्रतिभा आधार और पोर्टफोलियो विस्तार में किया जाएगा. वेणु ने कहा कि अगले चार-पांच साल में भारत में 2,000 करोड़ रुपये का इनवेस्‍टमेंट क‍िया जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी की पांच साल तक हर साल 400 करोड़ के निवेश का प्‍लान है. वेणु ने कहा कि कंपनी का फोकस उद्योगों, वितरण कंपनियों, परिवहन जैसे क्षेत्रों से आने वाले ग्राहकों के लिए नेटवर्क नियंत्रण समाधान की पेशकश पर केंद्रित होगा.


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कंपनी पैसा जुटाने समेत सभी विकल्पों पर विचार कर रही


उन्होंने इस निवेश राशि के वित्तपोषण पर कहा कि कंपनी बाजार से कोष जुटाने सहित सभी विकल्पों पर विचार कर रही है. कंपनी ने 1949 से देश के एनर्जी सेक्‍टर की ग्रोथ में अहम भूमिका निभाई है. 75 साल पूरे होने पर कंपनी ने 'एनर्जी एंड डिजिटल वर्ल्ड 75 (EDW75)' दो द‍िवसीय टेक्नोलॉजी इवेंट द‍िल्‍ली में आयोज‍ित क‍िया. इस इवेंट में भारत के नेट-जीरो लक्ष्य की तरफ बढ़ने में मदद करने वाली नई तकनीक पर चर्चा की गई. कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत, हिताची एनर्जी के ग्लोबल सीईओ एंड्रियास शियरेनबेक और हिताची एनर्जी इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ एन वेणु ने किया.


पावर ग्रिड की क्षमता और जटिलता भी बढ़ रही
हिताची एनर्जी के ग्लोबल सीईओ एंड्रियास शियरेनबेक ने कहा, 'ऊर्जा की चुनौती एक कंपनी, टीम या व्यक्ति से कहीं बड़ी है. जैसे-जैसे विद्युतीकरण बढ़ रहा है और रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल बढ़ रहा है, पावर ग्रिड की क्षमता और जटिलता भी बढ़ रही है. हमारा ध्यान पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा के भविष्य पर है. भारत इस मिशन में हमारे लिए बहुत अहम बाजार है. हम पिछले 75 साल से भारत में लगातार निवेश कर रहे हैं.' हिताची एनर्जी इंडिया के एमडी एन वेणु ने कहा, 'नई तकनीक और समाधानों के जरिये, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह मेक इन इंडिया के हमारे लक्ष्य को मजबूत करता है, जिससे भारत और दुनिया दोनों को फायदा होगा.'


2030 तक स्वच्छ ऊर्जा निर्यातक बनने का लक्ष्य रखना चाहिए
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि भारत को 2030 तक 750 गीगावाट र‍िन्‍यूएबल एनर्जी का टारगेट रखना चाह‍िए और स्वच्छ ऊर्जा निर्यातक बनना चाहिए. कांत ने द‍िल्‍ली में एक कार्यक्रम के दौरान कहा क‍ि क्‍लीन एनर्जी के लिए वैश्विक कोष की कोई कमी नहीं है, लेकिन भारत को र‍िन्‍यूएबल एनर्जी परियोजनाओं के लिए निजी निवेश आकर्षित करने को एस्क्रो अकाउंट जैसी मजबूत वित्तीय प्रणाली स्थापित करने की जरूरत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बहुत अहम है क‍ि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्‍च‍िम एशिया संघर्ष और अमेरिका और यूरोपीय देशों से व्यापार बाधाओं सहित कई वैश्विक संकट के बीच अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने में सक्षम हो. (इनपुट भाषा से भी)