Corona Vaccination: नंदन नीलेकनि ने की भारत के टीकाकरण अभियान की तारीफ, कही ये बात
नंदन नीलेकनि ने कहा, `भारत अब दुनिया की वैक्सीन कैपिटल बन चुका है ये अच्छी बात है. कोविन (CoWin) के लिए आरएस शर्मा का बनाया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शानदार है. सिएटल में मेरे दोस्त ने वैक्सीन लगवाई जिसका सर्टिफिकेट उन्हें पेपर पर मिला. वहीं मेरा सर्टिफिकेट डिजिटली मेरे फोन में आ गया.`
नई दिल्ली: भारतीय उद्यमी और इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकनि (Nandan Nilekani) ने देश भर में कोविड -19 टीकाकरण (Covid-19 Vaccination) अभियान को सुचारू रूप से चलाने के प्रयासों के लिए भारत सरकार की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल टेक्नॉलजी की मदद से जिस तरह अभियान को प्रभावी तरीके और सही रफ्तार के साथ आगे बढ़ाया वो काबिले तारीफ है.
वैक्सीन कैपिटल इंडिया: नीलेकनि
ब्लूम वेंचर (Blume Ventures) द्वारा आयोजित एक सेमिनार के क्लब हाउस सेशन को संबोधित करते हुए नीलेकनि ने कहा, 'हकीकत ये है कि भारत अब दुनिया की वैक्सीन कैपिटल बन चुका है ये बहुत अच्छी बात है. कोविन (CoWin) के लिए आरएस शर्मा द्वारा बनाया गया डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर शानदार है. सिएटल में मेरे दोस्त ने कोरोना वैक्सीन लगवाई जिसका सर्टिफिकेट उन्हें कागज के एक टुकड़े पर बतौर हॉर्ड कॉपी मिला. वहीं मेरा कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट दो मिनट के भीतर डिजिटली मेरे फोन में आ गया. इन चीजों से हमारा आत्मविश्वास और मजबूत होता है.'
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कामयाब टेक्नोक्रेट की पहचान
भारत की डिजिटल दुनिया के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले निलेकनी ने इस दौरान अपने सॉफ्टवेयर करियर की शुरुआत से लेकर टेक्नोक्रेट बनने तक के सफर के अनुभवों को भी साझा किया. नीलेकनी ने कहा, 'एक टेक्नोक्रेट की सबसे बड़ी खासियत उसकी आम सहमति बनाने की क्षमता होती है. जब मैंने साल 2009 में यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) में अपने काम की शुरूआत की तब मैनें भारत के एक अरब लोगों के लिए सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करने के बारे में बहुत सारे सपने देखे थे. तब मुझे फ्री हैंड काम करने को दिया गया और हमने सरकार के भीतर एक स्टार्टअप की तरह काम किया और आखिरकार कामयाबी हासिल की.'
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