Festive Season Sales: देशभर में फेस्टिव सीजन की धूम मची हुई है. दिवाली से लेकर छठ पूजा तक कई त्योहार आने वाले हैं. ऐसे में ट्रेडर्स का अनुमान है कि त्योहारी सीजन में देशभर में काफी अच्छा व्यापार होने की संभावना है. कैट की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई है. CAIT के मुताबिक, बाजार में इन दिनों जिस तरह की चहल-पहल देखी जा रही है उस हिसाब से इस बार 3 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है. 


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कैट ने बताया है कि पिछले साल फेस्टिव सीजन में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का व्यापार देखने को मिला था. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जानकारी दी है कि रक्षाबंधन से शुरू हुआ फेस्टिव सीजन तुलसी विवाह यानी 23 नवंबर तक चलेगा. 


आने वाले हैं कई त्योहार


1 नवंबर को करवा चौथ और उसके बाद में धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा का त्योहार होना है. इसके बाद में तुलसी विवाह होगा. इस सीजन में ग्राहकों की मांग को देखते हुए देशभर के व्यापारियों ने तैयारी कर ली है. 


कैसे होगा 3 लाख करोड़ का व्यापार?


इस बार फेस्टिव सीजन में खुदरा बिक्री के करीब 60 करोड़ उपभोक्ता हैं. ऐसे में अगर प्रति व्यक्ति औसतन त्योहारी सीजन में 5000 रुपये का भी खर्च आता है तो यह आंकड़ा 3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. 


शादी-फेस्टिव सीजन दोनों में होगा 7 लाख करोड़ का कारोबार


कैट की तरफ से जारी किए गए सर्वे के मुताबिक, आने वाले शादी सीजन में देशभर में करीब 35 लाख शादियां होने की संभावना है. इस शादी सीजन में 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है. अगर फेस्टिव सीजन और शादी सीजन दोनों को जोड़ लिया जाए तो आगे आने वाले दोनों महीनों में 7 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है. 


चीन को होगा 1 लाख करोड़ का नुकसान


व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की तरफ से इस बार देशभर के व्यापारियों ने चीनी सामानों का पूर्ण बहिष्कार करने का फैसला लिया है. CAIT की तरफ से जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, "बहिष्कार के परिणामस्वरूप व्यापारियों और आयातकों द्वारा फेस्टिव और अन्य सामानों का आयात न करने की वजह से चीन को लगभग ₹1 लाख करोड़ के व्यापार का नुकसान होने की उम्मीद है."


पिछले साल चीन को हुआ था 75 करोड़ का नुकसान


प्रेस रिलीज में कहा गया है कि पिछले साल चीन को लगभग ₹75 करोड़ के त्योहारी कारोबार का नुकसान हुआ था. 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान ने व्यापारियों को चीनी सामान न बेचने के लिए प्रेरित किया है.