Income Tax Alert : अगर आप भी हर साल आयकर (Income Tax) देते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, सरकार की तरफ से जल्‍द कॉरपोरेट टैक्‍सपेयर्स की तर्ज पर आयकर में कटौती की जा सकती है. इस बारे में सरकार की तरफ से इशारा द‍िया गया है. फाइनेंस‍ म‍िन‍िस्‍ट्री छूट या रियायतों से मुक्त टैक्स सिस्टम की समीक्षा की योजना बना रहा है. सूत्रों के अनुसार टैक्स को कम किए जाने से नया स‍िस्‍टम अधिक आकर्षक बन जाएगा.


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पुराने टैक्स सिस्टम खत्‍म करने की तैयारी
इससे पहले कॉरपोरेट टैक्‍सपेयर्स के लिए सितंबर, 2019 में नया टैक्स सिस्टम लाया गया था. इसमें टैक्स रेट घटाने के साथ ही म‍िलने वाली छूट को खत्‍म कर द‍िया गया था. सूत्रों का कहना है क‍ि सरकार ऐसा टैक्‍स स‍िस्‍टम तैयार करने का प्‍लान कर रही है, जिसमें किसी प्रकार की रियायत न हो. इसके साथ ही सरकार की तरफ से छूट और कटौतियों वाले पुराने टैक्स सिस्टम खत्‍म करने की तैयारी है.


2020-21 में पेश क‍िया गया नया टैक्स सिस्टम
व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से आम बजट 2020-21 में नया टैक्स सिस्टम पेश क‍िया गया था. इसके बाद नौकरीपेशा और ब‍िजनेसमैन के पास दो आयकर स‍िस्‍टम थे, ज‍िनमें से वह क‍िसी एक का भी फाइनेंश‍ियल ईयर के ल‍िए चुनाव कर सकता था. नए टैक्स सिस्टम में टैक्‍सपेयर अलग-अलग कटौतियों के साथ पुरानी व्यवस्था या बिना छूट व कटौतियों के निचली दरों की नई व्यवस्था का चयन कर सकता था.


नए टैक्स सिस्टम को पसंद कर रहे लोग
व‍ित्‍त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है क‍ि जो लोग अपना होम लोन और एजुकेशन लोन चुका चुके हैं, वे नए टैक्‍स स‍िस्‍टम को ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा लोग ऐसे भी हैं जो व‍िभ‍िन्‍न कटौती और र‍ियायत के साथ लागू क‍िए जाने वाले पुराने टैक्‍स स‍िस्‍टम को आज भी ज्‍यादा पसंद कर रहे हैं, क्‍योंक‍ि इसमें सालाना करीब 9 लाख रुपये तक की आय पर आपको कोई टैक्‍स नहीं देना होता.


टैक्स सिस्टम को आसान बनाने का मकसद
सूत्रों का यह भी कहना है कि साल 2020-21 में नया टैक्स सिस्टम लाने का मकसद आयकर प्रणाली को टैक्‍सपेयर्स के लिए आसान बनाना था. साथ ही उन्हें अपनी सुविधानुसार निवेश के ऑप्‍शन स‍िलेक्‍ट करने की आजादी देना था.


पर्सनल टैक्‍सपेयर्स के लिए 1 फरवरी, 2020 को पेश की गई नई कर व्यवस्था में ढाई लाख तक की सालाना आय पर क‍िसी प्रकार का टैक्‍स नहीं देना होता. ढाई लाख से 5 लाख रुपये की इनकम पर 5 प्रतिशत का टैक्‍स है. इसी तरह पांच लाख से 7.5 लाख की आय पर 10 प्रतिशत और 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की आया पर 15 प्रतिशत का टैक्‍स है. 10 लाख रुपये से 12.5 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 25 प्रतिशत का टैक्‍स है. इसी तरह 15 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्‍स लगता है.



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