Income Tax Deductions: वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है. अगर आपने टैक्स फाइल नहीं किया है तो जल्दी कर लें. यहां हम आज आपको कुछ टैक्स डिडक्शन के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप अपने निवेश, कमाई और दूसरे तरह के पेमेंट्स पर क्लेम कर सकते हैं. याद रहे कि ये टैक्स डिडक्शन नए टैक्स सिस्टम के लिए नहीं है. तो अगर आप पुराने टैक्स स्लैब से रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो एक बार इसे जरूर पढ़ लें.


1. LIC premium, PF, PPF, पेंशन स्कीम 


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इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत आपको तमाम टैक्स छूट मिलती हैं. जैसे अगर आपने LIC की कोई पॉलिसी ली है तो उसके प्रीमियम को आप क्लेम कर सकते हैं. प्रॉविडेंट फंड, PPF, बच्चों की ट्यूशन फीस, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, होम लोन के प्रिंसिपल पर आप 80C के तहत टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. सेक्शन 80CCC के तहत LIC का या किसी और बीमा कंपनी का अगर आपने एन्यूटी प्लान (पेंशन प्लान) खरीदा है तो आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. सेक्शन 80 CCD (1) के तहत केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम खरीदा है तो उसे क्लेम कर सकते हैं. याद रहे कि इन सभी को मिलाकर टैक्स छूट 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती है. 


2. होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर क्लेम


होम लोन के प्रिंसिपल पेमेंट पर आप सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. हालांकि ये लिमिट 1.5 लाख से ज्यादा नहीं हो सकती है. इसलिए अगर 80C में आपके बाकी डिडक्शन 1.5 लाख से कम हैं तो आप होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट से इस लिमिट को पूरा करके टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.


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3. होम लोन के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन 


अगर आपने होम लोन लिया है, तो इनकम टैक्स के सेक्शन 24 (b) के तहत चुकाए गए ब्याज पर आपको टैक्स छूट मिलती है. इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक आप 2 लाख तक की इंटरेस्ट पेमेंट पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. ये टैक्स छूट तभी मिलेगी जब प्रॉपर्टी 'self-occupied' हो.


4. केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम 


अगर आप केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) में निवेश करते हैं तो आपको 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट सेक्शन 80 CCD (1B) के तहत मिलती है. ये छूट 
सेक्शन 80 (C) के तहत मिली 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट के ऊपर होती है. सेक्शन 80 CCD2 के तहत केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम में नियोक्ता द्वारा किए गए योगदान को क्लेम किया जा सकता है. इसकी दो शर्तें हैं. पहली ये कि नियोक्ता कोई पब्लिक सेक्टर यूनिट (PSU) हो, राज्य सरकार की हो या कोई और, डिडक्शन की लिमिट सैलरी का 10 परसेंट है. अगर नियोक्ता केंद्र सरकार ही है तो डिडक्शन की लिमिट सैलरी का 14 परसेंट होगी. 


5. हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम


अगर आपने कोई हेल्थ इंश्योरेंस लिया है या फिर रेगुलर हेल्थ चेकअप कराते हैं, तो सेक्शन 80 D के तहत उसका प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं. हालांकि इसकी लिमिट फिक्स है. अगर आपने खुद के लिए, जीवनसाथी, बच्चों और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली है तो आप 25,000 रुपये तक का प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं. इस केस में माता-पिता की उम्र 60 साल से कम होती है. अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटिजन है, तो टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये हो जाएगी. 5000 रुपये का हेल्थ चेकअप भी इसमें मिलता है. हालांकि टैक्स डिडक्शन हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम से ज्यादा नहीं हो सकता है. 


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6. विकलांग आश्रितों के इलाज-रखरखाव का खर्च


विकलांग आश्रितों के इलाज और रखरखाव पर होने वाला खर्च क्लेम किया जा सकता है. साल में आप 75,000 रुपये तक क्लेम कर सकते हैं. अगर आश्रित व्यक्ति की अपंगता 80 परसेंट या इससे ज्यादा है तो 1.25 लाख रुपये का टैक्स डिडक्शन मेडिकल खर्चों पर क्लेम किया जा सकता है.


7. मेडिकल ट्रीटमेंट के पेमेंट पर टैक्स छूट


इनकम टैक्स के सेक्शन 80 DD (1B) के तहत खुद या किसी आश्रित की विशिष्ट बीमारी के इलाज के लिए भुगतान किए गए 40,000 रुपये तक की कटौती को क्लेम किया जा सकता है. 
अगर व्यक्ति सीनियर सिटिजन है तो ये लिमिट 1 लाख रुपये हो जाती है


8. एजुकेशन लोन के ब्याज पर टैक्स छूट


एजुकेशन लोन पर ब्याज में कर कटौती का अनलिमिटेड बेनेफिट मिलता है. टैक्स क्लेम उसी वर्ष से शुरू हो जाता है, जिस साल में लोन चुकाना शुरू होता है. अगले 7 साल तक इसका लाभ मिलता है. यानी कुल 8 साल तक आप टैक्स छूट ले सकते हैं. दो बच्चों के एजुकेशन लोन पर एक साथ टैक्स छूट मिलती है. अगर दो बच्चों के लिए 10% ब्याज दर पर 25-25 लाख का लोन लिया है, तो कुल 50 लाख रुपये पर सालाना ब्याज 5 लाख रुपये देना होगा. इस पूरी राशि पर टैक्स छूट मिलेगी.


9. इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने पर लोन


इनकम टैक्स के सेक्शन 80EEB के तहत, अगर आपने कोई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने के लिए लोन लिया है तो उसके ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं. 
हालांकि ये टैक्स छूट 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च 2023 के दौरान लिए गए लोन पर ही मिलेगी.


10. हाउस रेंट अलाउंस


अगर HRA आपकी सैलरी का हिस्सा नहीं है, तो आप सेक्शन 80 GG के तहत हाउस रेंट पेमेंट को क्लेम कर सकते हैं. हां अगर आपकी कंपनी HRA देती है तब आप 80 GG के तहत हाउस रेंट को क्लेम नहीं कर सकते हैं.