ITR Filing: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्‍स र‍िटर्न (ITR) फाइल करते हैं और अलग-अलग फॉर्म का चक्‍कर यद‍ि आपको समझ नहीं आता तो यह खबर आपके ल‍िए है. जी हां, व‍ित्‍त मंत्रालय की तरफ से सभी टैक्‍सपेयर्स के लिए एकसमान आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म लाने का प्रस्ताव रखा है. नए फॉर्म में डिजिटल एसेट (Digital Assets) से होने वाली आमदनी को अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा. इसके आने से टैक्‍स पेयर्स के ल‍िए पहले से ज्‍यादा सुव‍िधा रहेगी.


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15 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की
वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान में कहा कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नए आईटीआर फॉर्म के जरिये अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं. नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं. वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न जमा किए जाते हैं.


50 लाख तक की आय वालों के ल‍िए फॉर्म 1
सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है, जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित है. आईटीआर-2 फॉर्म का यूज आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग करते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है.


ट्रस्ट के ल‍िए आईटीआर-7
आईटीआर-5 एवं 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (LLP) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं. सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-1 और आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा.


विभाग ऑनलाइन उपयोग की जानकारी देगा
सीबीडीटी ने कहा, 'आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है. नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों एवं गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है.' सीबीडीटी ने कहा कि सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और आयकर विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा.


नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नया फॉर्म आने के बाद आईटीआर-2, 3, 5 एवं 6 फॉर्म के जरिये रिटर्न जमा करने वाले करदाताओं के पास पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा.


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