India Edible Oil Impoerts: भारत ने खाद्य तेल आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से सात वर्षों के भीतर उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार ने 101 बिलियन रुपये की पहल को मंजूरी दे दी है. इस स्कीम के तहत उच्च उपज वाली किस्मों और उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके तिलहन उत्पादकता को बढ़ावा देना है. इसका लक्ष्य 2030-31 तक उत्पादन को 12.7 से 25.45 मिलियन मीट्रिक टन तक बढ़ाना है.


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सरकार ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा है कि सात साल के भीतर देश में खाद्य तेल उत्पादन को दोगुना करने के लिए 101 अरब रुपये (1.2 अरब डॉलर) के कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है. इसका लक्ष्य महंगे आयात पर निर्भरता को कम करना है.


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भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक देश


भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक देश है. वर्तमान में भारत विदेशों से पाम तेल, सोया तेल और सूरजमुखी तेल आयात कर अपनी लगभग दो-तिहाई मांग को पूरा करता है. भारत मुख्यतः इंडोनेशिया, मलेशिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से खाद्य तेल उत्पादकों का आयात करता है.


गुरुवार को सरकार द्वारा लॉन्च की गई स्कीम के तहत अधिक उपज देने वाली, उच्च तेल सामग्री वाली किस्मों को बढ़ावा देने और खेती का विस्तार करके तिलहन उत्पादकता में वृद्धि की जाएगी. बयान में कहा गया है कि बेहतर बीज विकसित करने के लिए जीनोम एडिटिंग जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा.


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सरकार ने आयात कर 20 प्रतिशत अंक बढ़ाया


सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्यक्रम का लक्ष्य 2030-31 तक खाद्य तेल उत्पादन को मौजूदा 12.7 मिलियन मीट्रिक टन से बढ़ाकर 25.45 मिलियन टन करना है, जो देश की अनुमानित घरेलू आवश्यकता का लगभग 72% पूरा करेगा.


देश का खाद्य तेल आयात बिल 2006/07 में 2.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023/24 में 15 बिलियन डॉलर हो गया है. इसी अवधि के दौरान भारत का खाद्य तेल आयात 4.37 मिलियन टन से बढ़कर 15.5 मिलियन मीट्रिक टन हो गया. पिछले महीने भारत ने कम तिलहन कीमतों से जूझ रहे किसानों की सुरक्षा में मदद करने के लिए कच्चे और परिष्कृत खाद्य तेलों पर मूल आयात कर 20 प्रतिशत अंक बढ़ा दिया है.