Donald Trump Tariff Warning to India: अमेरिकी राष्ट्रपति की गद्दी पर बैठने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों का सिलसिला जारी है. कनाडा और मैक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ बढ़ाने के बाद ट्रंप का अगला निशाना चीन पर था.  डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ टैक्स का चाबुक चलाते हुए चीन पर 10 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की धमकी दे दी. चीन अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट की नीतियों के तहक उनका अगला निशाना भारत समेत ब्रिक्स के अन्य देश हो सकते हैं. हालांकि भारत के खिलाफ ट्रंप ने खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन उन्होंने ब्रिक्स देशों को धमकी दी है कि उनपर 100 फीसदी टैरिफ शुल्क लगाया जा सकता है.  ब्रिक्स देशों में भारत भी शामिल है. यानी अगर ट्रंप अपनी धमकी पर अमल करते हैं तो भारत पर शुल्क बढ़ाया जा सकता है. ट्रंप की इस धमकी का असर दिखने लगा है. भारत में इसे लेकर हलचल शुरू हो गई है और ट्रंप की इस धमकी से निपटने के लिए रणनीतियां बनाई जा रही है.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ट्रंप की धमकी से निपटने के लिए भारत का प्लान


ट्रंप कई बार अपनी कह चुके हैं कि भारत बहुत शुल्क लगाता है. अमेरिका की गद्दी संभालने के बाद अब ट्रंप जवाबी कर्रवाई कर सकते हैं. हालांकि अमेरिका की इस धमकी से निपटने के लिए भारत ने प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है.  ट्रंप की ओर से उठाए जाने वाले किसी भी कदम का मुकाबला करने के लिए भारत की रणनीतियां तैयार हो रही है.  


व्हिस्की, तेल और स्टील से करेंगे ट्रंप का मुकाबला  


वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर रहा है. ट्रंप के टैरिफ वार को झेलने के लिए भारत अमेरिका से अधिक व्हिस्की, स्टील और तेल खरीद सकता है. इकोनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में पहचान न बताने की शर्त पर एक अधिकारी के हवाले से लिखा कि सरकार अमेरिका से अधिक व्हिस्की, तेल और स्टील जैसे प्रोडक्ट्स खरीदकर अमेरिकी प्रशासन को खुश कर सकती है. वहीं कुछ अमेरिकी सामानों पर आयात शुल्क में भी कटौती कर सकता है.  भारत ऐसे संभावित सामानों की एक लिस्ट तैयार कर रहा है. इस लिस्ट में अमेरिका की बोरबॉन व्हिस्की और पेकन नट्स जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं. 


वहीं रिपब्लिकन पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अमेरिकी राज्यों से आने वाले सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी में भी कटौती कर सकता है.  भारत ट्रंप प्रशासन के साथ टकराव की स्थिति नहीं चाहता है. ये भारत की रणनीति का बड़ा हिस्सा है. वहीं अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति में भी भारत लाभ उठा सकता है. हालांकि इन योजनाओं को अभी अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है.  


'भारत दे बराबरी का जवाब'


हालांकि ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के फाउंडर अजय श्रीवास्तव मानते हैं कि भारत को दृढ़ता से अमेरिका को जवाब देना चाहिए. उन्होंने साल 2018 का उदाहरण देते हुए कहा कि जब अमेरिका ने भारत के इस्पात और एल्युमिनियम पर टैक्स लगाया था तो भारत ने अमेरिका के 29 प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाकर जवाब दिया था.