Indian economy: दुनिया के तमाम मजबूत देशों की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. कई देश ऐसे भी हैं जिनकी अर्थव्यवस्था कोविड काल के बाद से उठी ही नहीं. वैश्विक स्तर मुश्किलों के दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था रिकॉर्ड बना रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष दूसरे क्वार्टर में देश की जीडीपी 7.6 फीसद रही. पीएम मोदी ने कहा कि देश की जीडीपी में बढ़ोतरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दर्शाती है.


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पीएम मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़े वैश्विक स्तर पर परीक्षा की घड़ी में भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दर्शाते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण, खनन और सेवा क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन के कारण सितंबर तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही और यह सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनी रही.



पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े वैश्विक स्तर पर ऐसे कठिन समय के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन और मजबूती को दर्शाते हैं. हम अधिक अवसर पैदा करने, गरीबी के तेजी से उन्मूलन और हमारे लोगों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ में सुधार करने के लिए तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’


इससे पहले पीएम मोदी ने रोजगार मेले के तहत 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की नीतियों और फैसलों ने अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है. जिससे रोजगार और स्वरोजगार के लिए अपार संभावनाएं पैदा हुई हैं. उन्होंने कहा कि इसी से 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को साकार किया जा सकेगा.


पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 से पहले समाज के एक बड़े वर्ग को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया था. 2014 में जब हमें देश में सेवा करने का मौका मिला तो सबसे पहले हमने वंचितों को वरीयता के मंत्र को लेकर के आगे बढ़ने का काम आरंभ किया. सरकार खुद चलकर उन लोगों तक पहुंची जिन्हें कभी योजनाओं का लाभ नहीं मिला. जिन्हें दशकों तक सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली थी, हम उनका जीवन बदलने का प्रयास कर रहे हैं.


प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की सोच व कार्य संस्कृति में बदलाव आया है और इसकी वजह से आज देश में अभूतपूर्व परिणाम भी सामने आ रहे हैं. पांच वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं और इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाओं का गरीबों तक पहुंचाना कितना बड़ा परिवर्तन लाता है. भारत सरकार की नीति और उसके निर्णय ने देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं भारत के विकास दर को लेकर बहुत सकारात्मक हैं.