वास्तविक क्षमता के लिए भारत को करने होंगे साहसी सुधार: एचएसबीसी
वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत क्रमिक विकास की प्रक्रिया में है और उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहेगी लेकिन उसे वास्तविक क्षमता प्राप्त करने के लिए सुधार प्रक्रिया विशेषकर भूमि अधिग्रहण और श्रम संबंधी सुधारों को लेरक साहसी कदम उठाने की जरूरत है।
नई दिल्ली : वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी एचएसबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत क्रमिक विकास की प्रक्रिया में है और उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में इसकी वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहेगी लेकिन उसे वास्तविक क्षमता प्राप्त करने के लिए सुधार प्रक्रिया विशेषकर भूमि अधिग्रहण और श्रम संबंधी सुधारों को लेरक साहसी कदम उठाने की जरूरत है।
एचएसबीसी ने कहा कि मध्यम अवधि उच्च एवं सतत आर्थिक वृद्धि के प्रमुख कारक है अर्थपूर्ण सुधार और अब तक ये उत्तरोत्तर और परियोजना विशेष पर आधारित रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत को वास्तविक क्षमता हासिल करने के लिए भूमि अधिग्रहण, श्रम और अन्य विधायी सुधारों को साहस के साथ पेश करने की जरूरत होगी। ऐसा होने तक तक वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर का अनुमान 7.6 प्रतिशत है जो पहले 7.8 प्रतिशत था।’ वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत (पहले 8.3 प्रतिशत) और 2017-18 में 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अप्रैल से जून की तिमाही में वृद्धि दर घटकर सात प्रतिशत पर आ गई जो पिछली तिमाही में 7.5 प्रतिशत थी।