Indian Railways Data Breach: भारतीय रेलवे से सनसनीखेज खबर सामने आ रही है. साइबर हैकर्स ने रेलवे में टिकट बुक करवाने वाले 3 करोड़ लोगों का डेटा चुरा लिया है. इसमें उनकी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पता, उम्र और जेंडर समेत कई बेहद निजी जानकारियां शामिल है. अब इस डेटा को डार्कवेब के जरिए बेचा जा रहा है. घटना पर फिलहाल रेलवे की ओर से अभी तक कोई अधिकृत बयान सामने नहीं आया है. लेकिन इस घटना को दिल्ली एम्स के बाद रेलवे की साइबर सिक्योरिटी में बहुत बड़ी सेंध माना जा रहा है.


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इस दिन चुराया गया साइबर डेटा


'मनी कंट्रोल' वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे यात्रियों का डेटा चुराने (Indian Railways Data Breach) की यह घटना 27 दिसंबर को हुई. रिपोर्ट के मुताबिक एक हैकर फोरम ने इस वारदात को अंजाम दिया है. उस हैकर फोरम की असली पहचान तो उजागर नहीं हुई है लेकिन उसे 'Shadowhacker' के नाम से जाना जा रहा है. अब वह हैकर फोरम 3 करोड़ यात्रियों के इस डेटा को डार्कवेब पर बेच रहा है. 


3 करोड़ लोगों की जानकारियां लीक


हैकर ग्रुप का कहना है कि उसके पास रेलवे में टिकट बुक करवाने वाले 3 करोड़ लोगों को ईमेल, मोबाइल नंबर समेत कई बेहद निजी जानकारियां आ गई हैं. यही नहीं, हैकर का दावा है कि उसने कई सरकारी विभागों के ऑफिशियल ईमेल अकाउंट भी चुरा (Indian Railways Data Breach) लिए हैं. इन सरकारी ईमेल अकाउंट्स को भी बेचने के लिए डार्कवेब पर डाला गया है. 


रेलवे ने साध रखी है चुप्पी


सूत्रों के मुताबिक साइबर हैकर (Indian Railways Data Breach) ने इस काम को कैसे अंजाम दिया और रेलवे के सर्वर में सेंध लगाकर इसे कैसे एक्सेस किया गया, इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. रेलवे भी डेटा ब्रीच की इस बड़ी घटना पर चुप्पी साध रखी है और अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है. 


रेलवे वेबसाइट में भी हुई छेड़छाड़?


रिपोर्ट के अनुसार साइबर हैकर ने केवल यात्रियों के डेटा ही नहीं चुराए(Indian Railways Data Breach)  हैं बल्कि रेलवे की वेबसाइट में भी छेड़छाड़ का भी दावा किया है. अब वह छेड़छाड़ IRCTC के बुकिंग पोर्टल के साथ हुई है या फिर भारतीय रेलवे की वेबसाइट में सेंध लगाई गई है, इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो पाई है. 


इससे पहले भी हो चुकी घटना


यह कोई पहली बार नहीं है, जब साइबर हैकर्स ने इस तरह रेलवे के डेटा में सेंध (Indian Railways Data Breach) लगाई हो. इससे पहले वर्ष 2020 में भी हैकर्स ने ऐसी ही घटना को अंजाम देते हुए 90 यात्रियों का पर्सनल डेटा चोरी कर लिया था. इसमें उनके नाम, पते, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी जैसी जरूरी जानकारियां शामिल थी. अब उसके 2 साल बाद 3 करोड़ यात्रियों के डेटा पर हैकर्स ने हाथ साफ कर दिया है. 


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