Indian Railways Travel Rules: लंबे रूट पर ट्रेन का सफर ज्‍यादा आरामदायक और सुरक्ष‍ित रहता है। यही कारण है क‍ि लोग अध‍िकतर लोग ट्रेन का सफर पसंद करते हैं. अगर आप भी आमतौर पर ट्रेन में सफर करते हैं तो आपको रेलवे (Indian Railway) से जुड़े न‍ियम पता होने चाह‍िए. यात्र‍ियों की सुव‍िधा को ध्‍यान में रखते हुए रेलवे की तरफ से व‍िभिन्‍न न‍ियम बनाए जाते हैं. जानते हैं रेलवे से जुड़े ऐसा न‍ियम, ज‍िसका हवाला देकर आप अपने रात्र‍ि सफर को और ज्‍यादा कम्‍फर्ट बना सकते हैं.


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लोअर बर्थ वाले सोने में होती है परेशानी
थ्री टियर कोच यानी थर्ड एसी या स्‍लीपर कोच में सफर करते समय मिडिल बर्थ को लेकर सबसे ज्‍यादा द‍िक्‍कत होती है. अक्सर लोअर बर्थ वाला यात्री देर रात तक सीट पर बैठा रहता है, इस कारण मिडिल बर्थ वाला यात्री चाहकर भी आराम नहीं कर पाता. कई बार ऐसा भी होता है क‍ि मिडिल बर्थ वाले यात्री देर रात तक लोअर बर्थ पर बैठे रहते हैं, इस कारण लोअर बर्थ वाले को सोने में परेशानी होती है.


रेलवे के न‍ियमों का दें हवाला
अगर आपके साथ कभी ऐसा हुआ है तो आपको रेलवे के न‍ियमों के बारे में पता होना चाह‍िए। रेलवे के न‍ियमानुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक आप मिडिल बर्थ को खोल सकते हैं. यानी यद‍ि आपकी लोअर बर्थ है तो रात 10 बजे के बाद म‍िड‍िल बर्थ या अपर बर्थ वाला यात्री आपकी सीट पर नहीं बैठ सकता. आप रेलवे के न‍ियम का हवाला देकर अपनी सीट खाली करने के ल‍िए कह सकते हैं। इसके अलावा यद‍ि द‍िन में मिडिल बर्थ वाला पैसेंजर अपनी सीट खोलता है, तो भी आप उसे रेलवे का न‍ियम बता सकते हैं।


टीटीई भी नहीं चेक कर सकता ट‍िकट
अक्सर यात्रियों की श‍िकायत की जाती है क‍ि ट्रेन में सोने के बाद टीटी टिकट चेक करने के ल‍िए जगा देते हैं. ऐसे में उनकी नींद खराब हो जाती है और परेशानी होती है. यात्रियों की इस परेशानी को दूर करने और सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे के न‍ियमानुसार टीटी रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक यात्रियों के सोने के दौरान टिकट चेक नहीं कर सकता. लेकिन यद‍ि आपकी यात्रा रात 10 बजे के बाद शुरू होती है तो रेलवे का यह न‍ियम लागू नहीं होता.



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