Indian Railways: बेहद काम का है ट्रेन टिकट पर लिखा ये 5 डिजिट का नंबर, छिपी हैं कई अहम जानकारियां
Indian Railways Ticket: इस नंबर में आपकी यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी होती है. इतना ही नहीं इस नंबर से आपको कई बड़ी जानकारियां भी मिलती हैं. इस नंबर से आप यह पता कर सकते हैं कि टिकट कहां का है या आप कहां जा रहे हैं या कहां से आ रहे हैं?
Indian Railways Ticket: अगर आप आमतौर पर ट्रेन से सफर करते हैं तो इस खबर में दी गई जानकारी आपके काम की है. शायद आपने गौर किया हो कि हर टिकट पर पीएनआर के अलावा कोने में 5 डिजिट का नंबर भी लिखा होता है. इस नंबर में आपकी यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी होती है. इतना ही नहीं इस नंबर से आपको कई बड़ी जानकारियां भी मिलती हैं. इस नंबर से आप यह पता कर सकते हैं कि टिकट कहां का है या आप कहां जा रहे हैं या कहां से आ रहे हैं?
सफर के बारे में की जा सकती है पूरी जानकारी
5 डिजिट वाला यह नंबर ट्रेन की स्थिति से लेकर कैटेगरी तक सब कुछ बता देता है. आइए जानते हैं इन 5 डिजिट से आपके सफर के बारे में पूरी जानकारी कैसे की जा सकती है? आपको बता दें हर ट्रेन का विशेष नंबर होता है, यही उसकी पहचान होता है. 5 अंकों के इस नंबर में 0 से 9 तक के डिजिट होते हैं. आइए जानते हैं इन 5 डिजिट के नंबर के बारे विस्तार से.
किस डिजिट का क्या मतलब?
5 डिजिट में 0 से 9 तक की संख्या होती हैं. हर संख्या का अलग मतलब होता है. शून्य (0) का मतलब है कि यह स्पेशल ट्रेन है. अगर किसी टिकट पर लिखे 5 डिजिट के नंबर की 0 से शुरुआत हो रही है तो वो समर स्पेशल, हॉलीडे स्पेशल या अन्य किसी स्पेशल ट्रेन का हो सकता है. आपने होली / दिवाली के मौके पर नोटिस किया होगा कि स्पेशल ट्रेनों के नंबर 0 से ही शुरू होते हैं.
1 से 4 तक की डिजिट का मतलब
इसमें पहली डिजिट 1 का मतलब ट्रेन के लंबी दूरी पर जाने की तरफ इशारा करता है. यह ट्रेन राजधानी, शताब्दी, जन साधारण, संपर्क क्रांति, गरीब रथ और दूरंतो में से कोई एक होगी. पहली डिजिट 2 होने का तात्पर्य भी ट्रेन के लंबी दूरी से जुड़े होने का है. 1 और 2 दोनों डिजिट एक ही श्रेणी में आती हैं. पहला नंबर 3 हो तो ट्रेन कोलकाता सब अरबन ट्रेन है. वहीं डिजिट 4 है तो ट्रेन नई दिल्ली, चेन्नई, सिकंदराबाद और अन्य मेट्रो सिटी की सब अरबन ट्रेन है.
5 से 9 तक की डिजिट का मतलब
पहली डिजिट 5 यदि है तो ट्रेन सवारी गाड़ी है. वहीं पहली डिजिट 6 होने का मतलब यह मेमू ट्रेन है. पहली डिजिट 7 होने पर डेमू ट्रेन है. पहली डिजिट 8 होने का तात्पर्य यह आरक्षित ट्रेन है. फर्स्ट डिजिट 9 है तो यह मुंबई की सब अरबन ट्रेन है.
दूसरी और उसके बाद की डिजिट
5 डिजिट की इस संख्या में दूसरा और उसके बाद का डिजिट पहली डिजिट के अनुरूप होता है. यदि किसी ट्रेन के पहले लेटर 0, 1 और 2 से शुरू होते हैं तो बाकी के चार लेटर रेलवे जोन और डिजिवन को दर्शाते हैं. यह 2011 4-डिजिट स्कीम के अनुसार होता है. आइए जानते हैं इनके नंबर.
0- कोंकण रेलवे
1- सेंट्रल रेलवे, वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे
2- सुपरफास्ट, शताब्दी, जन शताब्दी को दिखाता है. इन ट्रेन के अगले डिजिट जोन कोड को दर्शाते हैं.
3- ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे
4- नॉर्थ रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे
5- नेशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे
6- साउथर्न रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे
7- साउथर्न सेंट्रल रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे
8- साउथर्न ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट कोस्टल रेलवे
9- वेस्टर्न रेलवे, नार्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे
इसके अलावा आपको बता दें कि जिन ट्रेन की पहली डिजिट 5,6,7 में से एक होती है, उनकी दूसरी डिजिट जोन को दर्शाती है. बाकी डिजिट डिविजन कोड को बताती हैं.
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