Indian Railways: रेल मंत्री (Rail Mantri) की तरफ से समय-समय पर कई बड़े फैसले लिए जाते रहे हैं. अश्विनी वैष्णव (ashwini vaishnaw) ने कुछ समय पहले रेलवे में वीआईपी कल्चर को लेकर बड़ा फैसला लिया था, जिसके बाद में अधिकारियों की मेज पर से घंटी को हटा दिया गया था. बता दें मंत्री के सेल में इस फैसले को लागू कर दिया गया था. फिलहाल अब से अधिकारियों को अटेंडेट को बुलाने के लिए कमरे से अपने आप बाहर जाना होगा या फिर वह फोन करके उनको बुला सकते हैं. फिलहाल इस फैसले को मंत्री सेल में लागू किया गया था, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेल मंत्री इसको जल्द ही बोर्ड में भी लागू कर सकते हैं. 


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कल 5 वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई जाएगी हरी झंडी
आपको बता दें रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव की तरफ से कई बड़े फैसला पहले भी लिए जा चुके हैं. देशभर में वंदे भारत ट्रेन एक बड़ी उपलब्धि है. फिलहाल 27 जून यानी कल पीएम मोदी एक साथ 5 वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं. इनमें से चार ट्रेनों को वह वर्चुअली फ्लैग ऑफ करेंगे. इसके साथ ही तीन राज्यों गोवा, बिहार और झारखंड को पहली वंदे भारत मिलने जा रही है.


पहले भी रेलवे को लेकर लिए हैं कई बड़े फैसले 
बता दें कि अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री बनने के बाद कई बड़े फैसले ले चुके हैं. रेलवे, ट्रेन को आधुनिक बनाने के साथ-साथ बीमार यात्रियों का भी खास ख्याल रखने का निर्णय लिया. रेलवे अपनी सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयासरत है और ऐसे में कोच की बेहतर डिजाइन से लेकर ट्रेन की रफ्तार, प्लेटफॉर्म तथा ट्रेन कोच की सफाई पर ध्यान दिया है. 


यात्रियों को सफर के दौरान मिल रहे हैं कई विकल्प
अब रेलवे ने सफर के दौरान यात्रियों के कई विकल्प खुले रखे हैं. इसी लिहाज से रेलवे ने अब यात्रियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए सफर में सुविधाएं देने का फैसला किया है. हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि आने वाले वर्षों में देश को रेलवे का एक नया रूप देखने को मिलेगा. उन्होंने हाल ही में राज्यसभा में ये जानकारी भी दी थी कि सभी रेलवे स्टेशनों और यात्रियों को ले जाने वाली ट्रेनों में जीवन रक्षक दवाओं, उपकरणों, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि से युक्त एक मेडिकल बॉक्स उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं.


काम पर रहे फोकस
इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विभाग के कर्मचारियों को किसी साइट पर जाने या कार्यक्रम के दौरान पूरा फोकस, काम को उसकी समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए थे, न कि वहां चाय, समौसे या खाने-पीने की व्यवस्था पर. उन्होंने कहा कि वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए ये बेहद जरूरी है कि अधिकारी अपनी जि़म्मेदारी को समझे.