PMI Index in September: भारत में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां (manufacturing activity) सितंबर में पांच महीने के निचले स्तर पर रही हैं. इसके अलावा नए ऑर्डर में नरमी से उत्पादन वृद्धि में कमी आई है. मंगलवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई. मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया (S&P Global India) विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) सितंबर में गिरकर 57.5 पर आ गया, जो अगस्त में 58.6 था. 


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5 महीने के निचले स्तर पर 


आपको बता दें सितंबर में यह पांच महीने के निचले स्तर पर रहा है. सितंबर के पीएमआई आंकड़े में हालांकि लगातार 27वें महीने समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार के संकेत मिले हैं. 


50 के ऊपर होने का क्या है मतलब?


पीएमआई की भाषा में सूचकांक का 50 से ऊपर होने का मतलब विस्तार है जबकि 50 से नीचे होना संकुचन को दर्शाता है.


क्या बोले अर्थशास्त्री?


एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस में अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा है कि भारत के विनिर्माण उद्योग ने सितंबर में मंदी के हल्के संकेत दिखे. मुख्य रूप से नए ऑर्डर में धीमी वृद्धि के कारण जिससे उत्पादन वृद्धि में कमी आई है. उन्होंने कहा है कि फिर भी, मांग तथा उत्पादन दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. कंपनियों ने एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और पश्चिम एशिया में नए व्यवसाय को लाभ हुआ. 


क्या होता है PMI Index?


PMI का पूरा नाम पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स है. बता दें इस इंडेक्स का इस्तेमाल सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग की स्थिति को नापने के लिए किया जाता है. इस इंडेक्स की हेल्प से किसी भी बाजार की सही स्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है. इसमें नए ऑर्डर, इन्वेंटरी स्तर, प्रोडक्शन, सप्लाई चेन और रोजगार के अवसरों को शामिल किया जाता है. अगर यह इंडेक्स 50 के ऊपर रहता है तो यह सेक्टर में बढ़ोतरी को दिखाता है और नीचे होने का मतलब होता है कि सेक्टर में गिरावट आई है. 


भाषा एजेंसी के इनपुट के साथ