Inflation: आपकी वेज थाली पर महंगाई की `स्ट्राइक`.. राइस-रोटी इंडेक्स के आंकड़ों ने चौंकाया
Inflation: देश में महंगाई रॉकेट की तरह तेजी से ऊपर जा रही है. किचन का बजट बिगड़ता ही जा रहा है. आम आदमी की जेब राशन जुटाने में ही खाली हो जा रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि नॉनवेज थाली की तुलना में वेज थाली तेजी से महंगी हो रही है.
Inflation: देश में महंगाई रॉकेट की तरह तेजी से ऊपर जा रही है. किचन का बजट बिगड़ता ही जा रहा है. आम आदमी की जेब राशन जुटाने में ही खाली हो जा रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि नॉनवेज थाली की तुलना में वेज थाली तेजी से महंगी हो रही है. हाल ही में क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिसिस की एक रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट में Rice Roti Index में बताया गया है कि शाकाहारी थाली अब non veg थाली से महंगी हो गई है.
महंगी हो गई वेज थाली
क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक महीने में शाकाहारी थाली की कीमत 9 प्रतिशत बढ़ी है. जबकि non veg थाली की कीमत 7 प्रतिशत गिरी है. शाकाहारी थाली अप्रैल महीने में 27 रुपये 40 पैसे में तैयार हो जाती थी वो आज 27 रूपये 80 पैसे में तैयार होती है.
चौंका देंगे ये आंकड़े
इसी तरह non veg थाली अप्रैल महीने में 56 रुपये 30 पैसे में तैयार होती थी वो आज 55 रुपए 90 पैसे में तैयार होती है. सरल शब्दों में इसका मतलब ये हुआ कि non veg थाली सस्ती हुई है और वेज थाली महंगी हुई है. Veg और Non Veg थाली में महंगाई और सस्ते का ये अंतर घरों के अलावा रेस्टोरेंट की कीमतों में भी साफ दिख रहा है.
नॉन वेज थाली के रेट उतनी तेजी से नहीं बढ़े
कुछ महीने पहले रेस्टोरेंट में वेज थाली की अधिकतम कीमत 220 रुपये होती थी, जो आज बढ़कर 300 रुपए तक हो चुकी है, यानी 80 रूपये बढ़ गए. इसी तरह नॉन वेज थाली पहले 450 रुपए की थी, जो आज 500 रूपये की मिल रही है. नॉनवेज थाली पर सिर्फ 50 रूपये बढ़े. नॉन वेज थाली के रेट उतनी तेजी से नहीं बढ़े हैं, जितनी तेज़ी से वेज थाली के बढ़े हैं.
वेज थाली महंगी होने का कारण क्या है..
अब आपके दिमाग में सवाल आ रहा होगा कि वेज थाली महंगी होने का कारण क्या है. दरअसल वेज थाली की कीमत इसलिए बढ़ी है क्योंकि सब्जियां महंगी हुई है. क्रिसिल के मुताबिक पिछले एक साल में प्याज के दाम 43%, टमाटर के 39% और आलू के दाम 41% तक बढ़े हैं. चिकन के दाम में मई 2023 के मुकाबले 16 प्रतिशत की गिरावट के कारण नॉन-वेज थाली की लागत में कमी आई है.