नई दिल्ली : पीएनबी महाघोटाले के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ शुक्रवार को रेड कार्नर नोटिस जारी किया जा सकता है. आपको बता दें कि इंटरनेशनल एजेंसी दो अरब डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपये) के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की तरफ से उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों से सहमत है. सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने इंटरपोल को जो दस्तावेज मुहैया कराए हैं उनमें मुंबई की एक विशेष अदालत की तरफ से जारी किया गया गैरजमानती वारंट और इसमें दायर आरोपपत्रों की जानकारी सहित अन्य शामिल हैं.


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अंतिम चरण में पहुंची रेड कार्नर नोटिस की प्रक्रिया
सूत्रों ने कहा कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है और रेड कार्नर नोटिस शुक्रवार रात में या अगले हफ्ते की शुरुआत में जारी हो सकता है, बशर्ते अंतिम समय में कोई स्पष्टीकरण नहीं मांगा जाए. सरकार में मौजूद सूत्रों ने कहा कि नीरव मोदी के कई पासपोर्ट के मुद्दे पर चर्चा के लिये विदेश मंत्रालय, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों की बैठक भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने 15 फरवरी को इंटरपोल के जरिये जारी 'डिफ्यूशन नोटिस' के माध्यम से नीरव मोदी के आवागमन का पता करने का प्रयास किया लेकिन उसे सीमित जानकारी ही मिल पायी क्योंकि केवल ब्रिटेन ने सीबीआई के आग्रह पर जानकारी दी.


इंटरपोल से सीबीआई ने किया अनुरोध
इससे पहले सीबीआई की ओर से इंटरपोल को एक रेड कॉर्नर नोट नोटिस जारी करने के लिए अनुरोध किया गया. इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जो कागजात तैयार किए गए थे उनमें नीरव मोदी के नाम में अंतर था. समय रहते इस गलती को ठीक कर लिया गया.


नाम की गलती में सुधार किया गया
सीबीआई की ओर से इंटरपोल में आवेदन के लिए जो कागजात तैयार किए गए थे उनमें नीरव दीपक केशवलाल मोदी नाम था. वहीं ईडी की ओर से तैयार किए गए कागजातों में नीरव केशवलाल दीपक मोदी नाम दर्ज था. इन एजेंसियों की ओर से तैयार कागजातों में नाम के अंतर के कारण नीरव मोदी को देश वापस लाने के प्रयास में काफी समय लग सकता था. लेकिन अब इस गलती को सुधार लिया गया और नीरव मोदी के हाल ही में जारी किए गए पासपोर्ट में दर्ज नाम का ही प्रयोग करने का निर्णय लिया गया.