IRCTC Senior Citizens: ट्रेन में सीनियर सिटीजंस को सफर करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और आजकल ट्रेन में टिकट मिलना भी आसान नहीं है. ऐसे में अगर रेलवे वरिष्ठ नागरिकों को अपर बर्थ अलॉट कर दे तो परेशानी और भी बढ़ जाती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें 70 साल की बुजुर्ग महिला जो गठिया रोग से पीड़ित है. उन्‍हें रेलवे ने अपर बर्थ का टिकट दे दिया. अब आप सोच ही सकते है अगर किसी गठिया रोग से पीड़ित महिला को ट्रेन में सबसे ऊपर की बर्थ यानी अपर बर्थ अलॉट कर दी जाए तो उसका क्‍या हाल होगा? IRCTC ने इस बारे में क्‍या नियम बताया?


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IRCTC का नियम जान लीजिए 


एक ट्विटर यूजर ने IRCTC को टैग कर ट्विटर पर पूछा, 'मेरे परिवार की दो बुजुर्ग महिलाएं, मां और दादी को अपर बर्थ अलॉट हुआ है. टिकट बनाने के लिए आप किस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या आप 70-80 साल की उम्र में अपर बर्थ पर चढ़ने में सक्षम होंगे?' यूजर ने आगे पूछा कि एक बूढ़ी औरत कैसे अपनी सीट पर चढ़ पाएगी. एक गठिया रोगी कैसे अपर बर्थ पर चढ़ने में सक्षम होगा? कृपया मुझे जवाब दें! क्या यही जनता के प्रति आपकी सेवा है?


इसके बाद IRCTC की तरफ से रेलवे सेवा नाम के ट्विटर हैंडल से रेलवे टिकट बुकिंग का पूरा नियम बताया गया. भारतीय रेलवे की कम्प्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली में सीनियर सिटीजंस और 45 साल से ज्‍यादा उम्र की महिला यात्रियों को ऑटोमेटिक लोअर बर्थ अलॉट किया जाता है. भले ही आपने कोई विकल्‍प सिलक्‍ट ना किया हो. आगे रेलवे की ओर से बताया गया कि अगर सीनियर सिटीजंस के साथ कोई और भी यात्रा कर रहा है जो वरिष्ठ नागरिकों की कैटेगरी में नहीं आता तो रेलवे इन मामलों में लोअर बर्थ देने पर विचार नहीं करता.



लोअर बर्थ का होता है कोटा 


भारतीय रेलवे के मुताबिक, सीनियर सिटिजंस के लिए बुकिंग में अलग से कोटा निर्धारित होता है. इसके लिए स्‍लीपर क्‍लास (Sleeper Class) और ऐसी क्‍लास दोनों में कुछ निचली बर्थ आरक्षित की जाती है. जैसे स्लीपर क्लास में हर कोच में छह लोअर बर्थ और एसी 3 टियर और एसी 2 टियर क्लास में हर कोच में तीन लोअर बर्थ का कोटा सीनियर सिटीजंस के लिए निर्धारित किया गया है. 


बुकिंग करते समय लोअर बर्थ को करें सिलेक्‍ट 


अगर आप सीनियर सिटीजन नहीं है लेकिन लोअर बर्थ का टिकट प्राप्त करना चाहते हैं तो आप IRCTC की वेबसाइट पर बुकिंग करते समय लोअर बर्थ प्रिफरेंस का चुनाव कर लें. इसके बाद रेलवे अपने नियमों के मुताबिक, आपको लोअर सीट अलॉट कर सकता है. ऐसे में आप यात्रा के दौरान खिड़की का आनंद उठा सकते हैं. 


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