सेविंग्स और इंवेस्टमेंट दर से 8 फीसदी की आर्थिक ग्रोथ को हासिल करना संभव नहीं, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
Economic Growth Report: अर्थव्यवस्था को दोबारा आठ फीसदी की वृद्धि दर के दौर में पहुंचाने के लिए बचत और निवेश दरों का 35 फीसदी के करीब होना बेहद जरूरी है.
Economic Growth Report: अर्थव्यवस्था को दोबारा आठ फीसदी की वृद्धि दर के दौर में पहुंचाने के लिए बचत और निवेश दरों का 35 फीसदी के करीब होना बेहद जरूरी है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. वित्त वर्ष 2021-22 में बचत दर 30.2 फीसदी और निवेश दर 29.6 फीसदी थी. इंडिया रेटिंग्स के मुताबिक, निवेश का एक बड़ा हिस्सा बुनियादी ढांचे में होना चाहिए. इससे आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को कम करके निजी निवेश को बढ़ाने में मदद मिल सकती है और बाहरी मांग में कमजोरी की भरपाई की जा सकती है.
रिपोर्ट में मिली जानकारी
रिपोर्ट में कहा गया है कि बचत-निवेश अंतर को काबू में रखने के लिए उच्च घरेलू बचत के साथ उच्च निवेश करना होगा. सरकार ने बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए खास ध्यान दिया है, लेकिन बचत को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए हैं.
इनकम टैक्स स्ट्रक्चर बनेगा आसान
सरकार इनकम टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने के लिए बचत के विभिन्न प्रोत्साहनों को लगातार खत्म कर रही है. इससे घरेलू बचत प्रभावित हो रही है, जो अर्थव्यवस्था में समग्र बचत का मुख्य आधार रहा है.
7 फीसदी की दर से बढ़ने की है उम्मीद
वित्त वर्ष 2020-21 में 6.6 फीसदी संकुचन के बाद चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के सात फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. इससे पहले 2021-22 में वृद्धि दर 8.7 फीसदी थी. अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर के 5.9 फीसदी रहने का अनुमान है.
इंडिया रेटिंग्स ने जारी की रिपोर्ट
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि ये वृद्धि दर जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा लेने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. कार्यबल में युवा आबादी की बड़ी संख्या को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को अगले दो-तीन दशकों में आठ फीसदी की दर से बढ़ना होगा.
भाषा - एजेंसी
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