Jet Airways: दिवालियापन के बाद बंद हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज के मालिकाना हक को लेकर चल रहे विवाद मामले में देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सालों से बंद पड़ी प्राइवेट एयरलाइन जेट एयरवेज से जुड़े मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिा है. बता दें कि एसबीआई समेत अन्य ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण यानी NCLT के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 


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दरअसल एनसीएलटी से जेट एयरवेज का मालिकाना हक जालान कलरॉक गठजोड़ (जेकेसी) को ट्रांसफर करने की मंजूरी दी थी. इस फैसले के खिलाफ एसबीआई समेत अन्य ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.  सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.  मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. याचिकाकर्ता बैंकों और अन्य की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन. वेंकटरमन ने पक्ष रखा. वहीं कलरॉक गठजोड़ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने की.  


एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी एयरलाइन जेट एयरवेज की निगरानी समिति को 90 दिन के भीतर एयरलाइन का मालिकाना हक ट्रांसफर पूरा करने का निर्देश दिया था. इसके अलावा, एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज के कर्जदाताओं को गठजोड़ द्वारा प्रदर्शन बैंक गारंटी के रूप में भुगतान किए गए 150 करोड़ रुपये को समायोजित करने का भी निर्देश दिया था. इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था.  इनपुट-भाषा