Lavish Weddings Under Income Tax Scrutiny: शाद‍ियों के सीजन में इन द‍िनों खूब खर्च बढ़ रहा है. लेक‍िन खर्च करते समय यह ध्‍यान रखना जरूरी है क‍ि कही आप इनकम टैक्स व‍िभाग के लपेटे में न आ जाएं. देश में होने वाली शादियों में करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. इन शादियों में बॉलीवुड सेल‍िब्र‍िटी से लेकर मशहूर कलाकार तक शाम‍िल हो रहे हैं. इन द‍िनों शादियों को यादगार बनाने के लिए जमकर पैसा खर्च किया जा रहा है. लेकिन अब इन शादियों पर इनकम टैक्‍स व‍िभाग (Income Tax) की नजर है. जयपुर में करीब 20 टॉप वेडिंग प्लानर्स के यहां इनकम टैक्‍स व‍िभाग छापेमारी कर रहा है.


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करीब 7500 करोड़ रुपये ऐसा खर्च क‍िया गया


आयकर व‍िभाग के पास जानकारी है क‍ि पिछले एक साल में शादियों के आयोजन में करीब 7500 करोड़ रुपये ऐसा खर्च क‍िया गया, जिसका कोई हिसाब नहीं है. दरअसल, देश के अमीर लोग शानदार शादियां करना पसंद करते हैं और इसका फायदा उठाकर ये लोग काला धन सफेद कर रहे हैं. इकोनॉम‍िक टाइम्‍स की खबर के अनुसार इस हफ्ते शुरू हुई छापेमारी अगले कुछ दिन तक जारी रह सकती है. शाद‍ियों में 50 से 60 प्रत‍िशत पैसा वेड‍िंग प्‍लानर के जर‍िये खर्च क‍िया जाता है. छापेमारी में मुख्य रूप से वेडिंग प्लानर्स के साथ होने वाले नकद लेन-देन पर फोकस क‍िया जाएगा.


शादियों में खर्च किये गए पैसे की भी जांच की जाएगी
सूत्रों ने बताया कि जल्द ही विदेशों में होने वाली शादियों में खर्च किये गए पैसे की भी जांच की जाएगी. इन शादियों में चार्टर्ड विमानों से मेहमानों और सितारों को विदेश ले जाया जाता है. टैक्‍स व‍िभाग आधिकारिक तौर पर खर्च की गई राशि की तुलना मेहमानों की संख्या और आयोजन के तरीके से करेगा. खानपान कंपनियों से भी इसको लेकर पूछताछ की जा रही है. आयकर अधिनियम के तहत विभाग को अस्पष्‍ट खर्च की जांच करने का अधिकार है. लोग कभी-कभी बड़ी शादियों पर खर्च क‍िये गए पैसे का रिकॉर्ड नहीं रखते.


विदेशों में होने वाली शाद‍ियों पर ईडी की नजर
उन्हें शायद ही यह जानकारी होती है क‍ि वे टैक्‍स और फेमा का उल्लंघन कर रहे हैं. यदि संदेह है कि विदेश में ट्रांसफर पैसा रिजर्व बैंक की उदारीकृत प्रेषण योजना (LRS) की ल‍िमि‍ट से ज्‍यादा है तो ऐसी विदेशों में होने वाली शादी पर ईडी का भी ध्‍यान जा सकता है. अब तक की जांच में सामने आया है क‍ि जयपुर के वेडिंग प्लानर्स इन काम में सबसे आगे हैं. दूसरे शहरों के प्लानर्स भी शादियों के आयोजन के लिए उनसे संपर्क करते हैं.


राजस्थान के प्लानर्स फिर शादी का आयोजन करते हैं
एक इनकम टैक्‍स अधिकारी ने बताया, अब तक पता चला है कि जो लोग बहुत ही शानदार शादियां करना चाहते हैं, वे अपने शहर के बड़े-बड़े इवेंट प्लानर्स से संपर्क करते हैं. फिर ये प्लानर्स राजस्थान के इवेंट प्लानर्स से संपर्क करते हैं. इसके बाद राजस्थान के प्लानर्स फिर शादी का आयोजन करते हैं. इसमें होटल, टेंट हाउस, खानपान कंपनियां, फूलों की दुकानें और सेलिब्रिटी मैनेजर्स भी शामिल होते हैं. इवेंट मैनेजर कस्‍टमर की सुविधा के अनुसार नकद आसानी से ले लेते हैं. दरअसल, वेड‍िंग प्‍लानर सभी खर्च नकद में नहीं कर सकते. इसल‍िए पेमेंट को वैल‍िड बनाने के लिए तीसरे पक्ष के ऑपरेटर्स का यूज किया जाता है, जिन्हें चेक और बैंकिंग चैनल के जर‍िये भुगतान करना होता है.


फर्जी बिलों से जांच के शुरुआती सुराग मिले
इस तरह के लेन-देन को सपोर्ट करने के ल‍िए कुछ फर्जी बिलों से जांच के शुरुआती सुराग मिले. ये ऑपरेटर वेडिंग प्लानर्स से म‍िलने वाली नकदी के बदले होटल और खानपान कंपनियों को बिल जारी करते हैं. इन बिल को जीएसटी नंबर रखने वाली संस्थाओं की तरफ से तैयार किया जाता है. इस तरह की शादियों के आयोजन में जो तरीके अपनाए जाते हैं, उनसे पता चलता है कि छोटे शहरों में भी बहुत सारा पैसा बिना बताए खर्च किया जा रहा है.


चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म एस बनवट एंड एसोसिएट्स एलएलपी के पार्टनर सिद्धार्थ बनवट ने कहा, यह एक और उदाहरण है कि कैसे टैक्‍स व‍िभाग अलग-अलग सोर्स से जानकारी इकट्ठा करके टैक्‍स चोरी रोकने के लिए काम कर रहा है. अब केवल बड़े कारोबार‍ियों की ही जांच नहीं हो रही है. विदेश में शादियां करने के मामले में काफी परेशानी होती हैं. दरअसल, विदेशी मुद्रा से जुड़े सख्त नियम हैं. दिलचस्प यह है कि कुछ महीने पहले एक प्राइवेट बैंक ने विदेश में एक ग्रुप के ल‍िए होटल बुकिंग के लिए पैसा भेजने के दौरान, दुल्हन के पिता से हर मेहमान का नाम और PAN मांगा था.