Maldives Economic Crisis: भारत के साथ टूटती दोस्ती मालदीव को रास नहीं आई. लक्षद्वीप विवाद के बाद भारत ने साथ मालदीव की दूरी क्या बढ़ी, चीन की दखल बढ़ती चली गई. चीन ने मालदीव को अपने ऐसे जाल में फंसाया है कि अब उससे निकालना मुइज्जू सरकार के लिए आसान नहीं रहा. भारी कर्ज के बोझ तले दबे मालदीव को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दे दी है, लेकिन चीन की भक्ति में डूबे मुइज्जू को अपनी बर्बादी दिख नहीं रही है.  


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चीन ने जाल में फंस गया मालदीव 


दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन अपने वर्चस्व स्थापित करने के लिए दूसरे देशों को कर्ज के जाल में फंसाता रहा है. चीन पहले कमजोर देशों में जमकर निवेश करता है और फिर अपनी कर्ज नीति के जाल में फंसाकर उन देशों की इकोनॉमी पर अपना वर्चस्व कायम कर लेता है. चीन के कर्ज के जंजाल (China Debt Trap Policy) के जाल में फंसकर पाकिस्तान, श्रीलंका जैसे देश बर्बाद हो चुके हैं. अब इस साल में मालदीव फंस चुका है. 


चीन का कितना कर्ज  


मालदीव पर चीन का भारी भरकम कर्ज है, जिसे लेकर आईएमएफ ने उसे अलर्ट भी किया है.  आईएमएफ ने मुइज्जू सरकार को अलर्ट करते हुए कहा कि मालदीव को तत्काल अपनी नीति बदलने की जरूरत है. मालदीव ने चीन से अरबों रुपये उधार ले रखे हैं. चीन का वहां बड़ा निवेश है.  मालदीव के इंफ्रास्ट्रक्चर, टूरिज्म, पोर्ट, हवाई अड्डे, होटल-रेस्टोरेंट आदि में चीन का भारी भरकम निवेश है. मालदीव ने विकास के नाम पर चीन से भारी भरकम कर्ज लिया है. विश्व बैंक के मुताबिक साल 2021 में मालवीद के कुल 3 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज में से 42 फीसदी चीन का है. इसके बाद से चीन पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है.  बढ़ते कर्ज और भारत से बढ़ती दूरी अब मालदीव की अर्थव्यवस्था की पोल खोल रही है. भारतीय टूरिस्टों की नाराजगी के चलते मालदीव को नुकसान हो रहा है. चीन के समर्थक मुइज्जू चीन की जी हजूरी में इतने अंधे हो गए हैं कि उन्हें गर्त में जा रही मालदीव की अर्थव्यवस्था नहीं दिख रही है.


चीन ने किया पाकिस्तान और श्रीलंका का बुरा हाल
चीन की जाल में फंसकर पाकिस्तान और श्रीलंका बेहाल हो चुके हैं.  पाकिस्तान और श्रीलंका अरबों डॉलर के कर्ज से बोझ तले दबे हैं. चीन के कर्ज के जाल में फंसकर इन देशों का आर्थिक संकट इतना बढ़ा कि दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गए. दोनों देशों को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत अरबों का निवेश मिला, लेकिन वहीं निवेश उनकी अर्थव्यवस्था के लिए संकट साबित हो रहा है.