Vaishno Devi: वैष्णोदेवी जाने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, श्राइन बोर्ड करोड़ों भक्तों को देगा यह सुविधा
श्राइन बोर्ड की तरफ से उठाए गए इस कदम से श्री माता वैष्णो देवी के भवन तक की यात्रा सुरक्षित होगी और समय भी पहले से कम लगेगा. हालांकि रोपवे प्रोजेक्ट का स्थानीय लोगों की तरफ से विरोध किया जा रहा है.
Shrine Board Ropeway Project: अगर आप भी माता के दरबार वैष्णो देवी जाते रहते हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां, तीर्थ यात्रियों की सहूलियत के लिए लगातार काम कर रहा श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अब बुजुर्गों एवं दिव्यांग यात्रियों को नई सुविधा देने जा रहा है. दरअसल, अभी माता वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने में बुजुर्ग और दिव्यांगों को काफी दिक्कत होती है. इसलिए, माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले यात्रियों के लिए मंदिर तक एक रोपवे (cable car) बनाने का फैसला किया गया है. रोपवे से लोग आसानी से और जल्दी मंदिर पहुंच पाएंगे.
रोपवे से मुख्य भवन को जोड़ा जाएगा
श्राइन बोर्ड की तरफ से उठाए गए इस कदम से श्री माता वैष्णो देवी के भवन तक की यात्रा सुरक्षित होगी और समय भी पहले से कम लगेगा. हालांकि रोपवे प्रोजेक्ट का स्थानीय लोगों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. श्राइन बोर्ड का कहना है कि स्थानीय लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखकर इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा. अभी रोपवे को ताराकोट मार्ग के जरिये मुख्य भवन तक जोड़ने का फैसला किया गया है. रोपवे के जरिये यात्री सांझी छत तक जाएंगे. इसके बाद सांझी छत से यात्री भवन तक पैदल यात्रा करके जाएंगे. सांझी छत पर ही अभी हेलीकॉप्टर का हेलीपैड है.
खड़ी चढ़ाई वाले रास्ते को पूरा करने में काफी आसानी हुई
आपको बता दें जब से श्राइन बोर्ड ने भवन से लेकर भैरो घाटी तक का रोपवे शुरू किया है, तब से यात्रियों को तीन किमी की खड़ी चढ़ाई वाले इस रास्ते को पूरा करने में काफी आसानी हुई है. माता वैष्णों देवी के दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अभी भवन तक पहुंचने के लिये कटरा से 13 किमी लंबी यात्रा करनी पड़ती है. शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को इस यात्रा को करने में कई बार काफी परेशानी होती है. बीमार या दिव्यांग लोग भी अक्सर घोड़ा, खच्चर से यात्रा करते हुए देखे जाते हैं. लेकिन अब रोपवे के शुरू होने से यात्रा का समय घटकर काफी कम रह जाएगा और घंटों का रास्ता मिनटों में पूरा हो जाएगा.
गेम चेंजर साबित होगी परियोजना
श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा कि भवन को जोड़ने वाला नया रोपवे ऐसे लोगों के बहुत काम आएगा, जो मंदिर तक पैदल नहीं जा सकते. उन्होंने यह भी कहा कि पहले आसपास रहने वाले लोगों की बात सुनी जाएगी, उसके बाद ही रोपवे का काम शुरू किया जाएगा. गर्ग ने बताया कि हर साल लाखों लोग माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आते हैं. पिछले साल सबसे ज्यादा श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए आए. इस साल अब तक करीब 86 लाख लोग दर्शन करने पहुंच चुके हैं.
अधिकारियों के अनुसार नया रोपवे ताराकोट से मंदिर तक जाएगा. इसे इस तरह बनाया जाएगा कि आसपास के पेड़-पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. साथ ही, जब भक्त इस रोपवे में बैठकर जाएंगे तो उन्हें पहाड़ों के सुंदर नजारे दिखाई देंगे.