Microsoft Lay off: दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. इससे पहले दुनिया की कई बड़ी कंपनियां भी आर्थिक मंदी की आहट का हवाला देकर अपना वर्कफोर्स कम कर रही हैं. सत्या नडेला द्वारा संचालित माइक्रोसॉफ्ट 'रीस्ट्रक्चरिंग' के हिस्से के रूप में कर्मचारियों की छंटनी करने वाली पहली टेक दिग्गज बन गई है. इसके बाद कंपनी ने इस पर सफाई भी पेश किया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी उसके कार्यालयों और प्रोडक्ट डिविजन्स के 1.81 लाख कर्मचारियों की लगभग 1 फीसदी है, यानी लगभग एक फीसदी कर्मचारी बहार कर दी गए हैं. गौरतलब है कि पांच साल में पहली बार इस छंटनी की खबर आई है.


छंटनी के पीछे क्या है वजह?


छंटनी के बाद कंपनी ने एक बयान में बताया, 'सभी कंपनियों की तरह हम नियमित रूप से अपनी व्यावसायिक प्राथमिकताओं का मूल्यांकन करते हैं और उसी के मुताबिक स्ट्रक्चरल एडजेस्टमेंट करते हैं. हम अपने व्यवसाय में निवेश करना जारी रखेंगे और आने वाले वर्ष में कुल मिलाकर कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करेंगे.' 


हायरिंग में भी हुई कमी 


इसके साथ ही आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज, टीम्स और ऑफिस ग्रुप्स में हायरिंग को भी कम कर दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार कंपनी के एक प्रवक्ता ने इस जानकारी को कंफर्म किया है कि कल उन्होंने कुछ कर्मचारियों को एलिमिनेट करने की दिशा में काम किया है. इसके अलावा अगर प्रॉफिट की बात करें तो माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी तीसरी तिमाही में मजबूत आय दर्ज की, जिसमें क्लाउड राजस्व में 26 फीसदी की बढ़त (ऑन-ईयर) और कुल राजस्व 49.4 बिलियन डॉलर था. 


कई कंपनियों ने की वर्कफोर्स की कटौती


इसके अलावा भी कई दिग्गज कंपनी ने अपने कर्मचारियों की छंटनी की है. इससे पहले ट्विटर ने भी अपनी भर्ती टीम में 30 फीसदी की कटौती की है, जबकि एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला भी लगातार सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. इसके अलावा एनवीडिया, स्नैप, उबर, स्पॉटिफाई, इंटेल और सेल्सफोर्स ने भी बड़े लेवल पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है.