माइक्रोसॉफ्ट ने एप्पल को पछाड़कर बाजार मूल्य के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में उछाल ने दो बिग टेक ग्रुप के बीच प‍िदले काफी समय से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता में नया मोड़ ला दिया है. सॉफ्टवेयर कंपनी के शेयरों में भी तेजी देखी गई और इसका मार्केट कैप 2.87 ट्रिलियन डॉलर हो गया. यह iPhone निर्माता कंपनी एपल से ज्‍यादा है. इसके शेयरों में करीब 1 प्रतिशत की गिरावट आई है.


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ओपनएआई का सबसे बड़ा समर्थक


फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जेनेरिक एआई की नई लहर के बारे में निवेशकों के उत्साह ने माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में तेजी ला दी है. यह पसंदीदा एआई-संचालित चैटबॉट चैटजीपीटी के निर्माता ओपनएआई का सबसे बड़ा समर्थक है. एप्पल को काफी हद तक एआई उत्साह से बाहर रखा गया है, जिसने माइक्रोसॉफ्ट को प्रेरित किया है. यह ओप का सबसे बड़ा समर्थक और क्लाउड होस्टिंग प्रदाता है और साथ ही अपने खोज और कार्यस्थल उत्पादों में एआई चैटबॉट तैनात करने में अग्रणी है.


फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उसी समय कमजोर iPhone बिक्री के बारे में चिंताओं - विशेष रूप से चीन में 2024 के पहले कुछ दिनों में एप्पल के स्टॉक पर असर डाला है, जिससे वॉल स्ट्रीट विश्‍लेषकों की रेटिंग में गिरावट आई है. एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट 1980 के दशक से प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, जब स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक द्वारा स्थापित कंपनी ने बिल गेट्स के विंडोज निर्माता पर उसके मैकिंटोश कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के 'लुक और अनुभव' को चुराने का आरोप लगाया था.


एप्पल 1990 के दशक की शुरुआत में विंडोज़ को लक्षित करने वाला एक हाई-प्रोफाइल कॉपीराइट मुकदमा हार गया, जिससे माइक्रोसॉफ्ट के लिए दशकों तक पीसी बाजार पर हावी होने का रास्ता साफ हो गया.