Cabinet Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आज कई फसलों की MSP में इजाफा कर दिया है. इस बार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बड़ा इजाफा किया गया है, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा. बता दें इस बार धान पर 7 प्रतिशत एमएसपी बढ़ाई गई है. 


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किस पर कितने फीसदी बढ़ी MSP
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि दिल्ली मूंग दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे अधिक 10.4%, मूंगफली पर 9%, सेसमम पर 10.3%, धान पर 7%, जवार, बाजरा, रागी, मेज, अरहर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन, सूरजमुखी बीज पर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए लगभग 6-7% की वृद्धि की गई है.


MSP 2,183 रुपये प्रति क्विंटल हुआ
सरकार ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है. इस कदम का मकसद किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन देना और उनकी आमदनी बढ़ाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में 2023-24 के फसल वर्ष के लिए खरीफ की सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मंजूरी दी गई.


पीयूष गोयल ने दी जानकारी
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सीसीईए की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा है कि कृषि क्षेत्र में हम कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर समयबद्ध तरीके से एमएसपी तय करते हैं. पिछले वर्षों की तुलना में इस साल एमएसपी में अधिक बढ़ोतरी की गई है.


खुदरा मुद्रास्फीति आ रही है नीचे
उन्होंने कहा कि ऐसे समय जबकि खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आ रही है, एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों को फायदा होगा. गोयल ने बताया कि सामान्य ग्रेड के धान का एमएसपी 143 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये से 2,183 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है. ‘ए’ ग्रेड के धान का एमएसपी 143 रुपये बढ़ाकर 2,203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.


धान खरीफ की है प्रमुख फसल
न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक 10.4 प्रतिशत की वृद्धि मूंग में की गई है. मूंग का एमएसपी अब 8,558 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. पिछले साल यह 7,755 रुपये प्रति क्विंटल था. धान खरीफ की प्रमुख फसल है और इसकी बुवाई आमतौर पर दक्षिणपश्चिम मानसून के आगमन के साथ शुरू होती है. भारतीय मौसम विभाग का अनुमान है कि अल नीनो प्रभाव के बावजूद इस साल जून-सितंबर के दौरान मानसून सामान्य रहेगा.