नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाए जाने के बीच एक राहत भरी खबर भी है आपके लिए. पिछले महीने थोक महंगाई दर (WPI Inflation) में भारी कमी आई है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति फरवरी के 2.26 फीसदी के मुकाबले घटकर 1 फीसदी रह गई. वार्षिक आधार पर देखा जाए तो पिछले साल मार्च में थोक महंगाई दर 3.18 फीसदी पर थी. इस हिसाब से ये गिरावट आम लोगों के लिए काफी राहत भरी है. सर्दियों में प्याज के दामों में लगी आग के विपरीत मार्च महीने तक महंगाई में कमी हुई है.



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आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में खाने-पीने की चीजों की महंगाई 7.79 फीसदी थी जो मार्च में घटकर 4.91 फीसदी पर आ गई. सरकार ने इसके साथ ही जनवरी के थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े को 3.10% से संशोधित कर 3.52% कर दिया है.


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प्याज के दामों में हुई थी बढ़ोतरी लेकिन अन्य सब्जियां रही सस्ती
रिपोर्ट के अनुसार रोजाना इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के दामों में गिरावट दर्ज की गई है. फरवरी में सब्जियों की मंहगाई दर 29.97 फीसदी थी जो मार्च में घटकर 11.90 फीसदी पर आ गई है. जानकारों का कहना है कि मार्च महीने में अगर महंगाई रही भी है तो उसका सबसे ज्यादा जिम्मेदार प्याज की कीमतें ही रही हैं. प्याज की महंगाई दर 112.31 फीसदी रही है.


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