Share Market: स्थानीय शेयर बाजार में गिरावट के रुख के बीच पिछले सप्ताह शेयर मार्केट की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 2,09,952.26 करोड़ रुपये की गिरावट आई है. सबसे अधिक नुकसान में हिंदुस्तान यूनिलीवर और रिलायंस इंडस्ट्रीज रहीं. 


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सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में सिर्फ एचडीएफसी बैंक के बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई. समीक्षाधीन सप्ताह में हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 44,195.81 करोड़ रुपये घटकर 5,93,870.94 करोड़ रुपये रह गया. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार हैसियत 41,994.54 करोड़ रुपये घटकर 17,96,726.60 करोड़ रुपये रह गई.


अन्य कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बाजार मूल्यांकन 35,117.72 करोड़ रुपये घटकर 6,96,655.84 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 24,108.72 करोड़ रुपये घटकर 9,47,598.89 करोड़ रुपये रह गई. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार पूंजीकरण 23,137.67 करोड़ रुपये घटकर 14,68,183.73 करोड़ रुपये रह गया. 


क्यों शेयर मार्केट हुआ क्रैश?


दरअसल, सुस्त तिमाही नतीजों और लगातार एफआईआई बिकवाली ने शेयर बाजार में गिरावट से चिंतित निवेशकों की परेशानी बढ़ा दी है. एक्सपर्ट का मानना है कि शेयर मार्केट में गिरावट की प्रमुख वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की तेज बिकवाली है. रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने 98 हजार करोड़ से अधिक की भारतीय इक्विटी बेची है. इसके पीछे की वजह चीनी बाजारों के सस्ते मूल्यांकन बताया जा रहा है. 


दूसरी तिमाही में कम इनकम 


भारतीय कंपनियों की सितंबर तिमाही की आय कमजोर रही है. जिससे बाजार के बढ़े हुए मूल्यांकन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी तिमाही के कॉर्पोरेट नतीजों से पता चलता है कि भारतीय कंपनी की राजस्व और लाभ वृद्धि दर धीमी हो गई है.


अमेरिका चुनाव 2024


अमेरिका चुनाव को लेकर अनिश्चितता का बाजार की धारणा पर असर पड़ रहा है. 5 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहेल रुझानों में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है.