Investment Tips: म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर होगी छप्पर फाड़ कमाई! बस इन बातों का रखें ध्यान
Mutual Funds Investment Tips: आज के समय में म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) तेजी से बढ़ रहा है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर जोखिम भी होता है. लेकिन अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करेंगे तो म्यूचुअल फंड से बढ़िया रिटर्न पा सकते हैं.
Mutual Funds Investment Tips: आज के समय में म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) तेजी से बढ़ रहा है. निवेशक म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर रहे हैं. ये एक ऐसा इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें निवेशक को उसकी सुविधा के मुताबिक इन्वेस्ट का ऑप्शन मिलता है. आप चाहें तो एकमुश्त निवेश कर सकते हैं या हर महीने सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए मंथली निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर होता है. यानी म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर जोखिम भी होता है. लेकिन अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करेंगे तो म्यूचुअल फंड से बढ़िया रिटर्न पा सकते हैं.
रिस्क लेने की क्षमता का रखें ध्यान
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको निवेश को लेकर गोल तय कर लेना चाहिए. साथ ही निवेश से पहले जोखिम उठाने की क्षमता का भी आकलन जरूरी है. उदाहरण के लिए अगर आप अगले दस सालों में एक निश्चित अमाउंट बनाना चाहते हैं और आपकी जोखिम उठाने की क्षमता ज्यादा है. आप एक ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम चुन सकते हैं जो आपको आपकी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार हाई रिटर्न दे सके और 10 सालों के बाद आपके वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सके.
स्कीम के बारे में रखें पूरी जानकारी
आप जब भी किसी स्कीम में निवेश करने का प्लान बनाएं, तो पहले एक बार उस स्कीम के बारे में पूरी जानकारी ले लें. फंड सलेक्ट करने के बाद स्कीम की रेटिंग और अन्य पहलु भी देख लेना चाहिए. आपको ये जान लेना चाहिए कि जिस स्कीम में आप निवेश करने जा रहे हैं, बीते सालों में उसका रिटर्न कैसा रहा है. उस स्कीम का AUM क्या है, पोर्टफोलियो में कौन-सी कंपनियां हैं? इसके साथ ही आपको अनुमानित रिटर्न, टेन्योर, रिस्क और अन्य पहलुओं को समझ लेना चहिए.
डायवर्सिफाइड या कन्संट्रेटेड स्कीम
एक निवेशक के रूप में आपको डायवर्सिफाइड फंड्स में अपनी कोर होल्डिंग रखनी चाहिए. साथ ही कन्संट्रेटेड फंड में अपना कुछ निवेश सप्लीमेंट्री तौर पर करना चाहिए. क्योंकि कई फंड्स के पोर्टफोलियो 50-60 कंपनियों में फैले होते हैं, वहीं कुछ स्कीम्स का काफी कॉम्पैक्ट होता है. ऐसे में एक कन्संट्रेटेड पोर्टफोलियो बाजार की रैली में रिटर्न बढ़ा सकता है, लेकिन एक डायवर्सिफाइड फंड मार्केट की गिरावट में मुनाफे को प्रोटेक्ट करता है. इस तरह आप मार्केट की तेजी और गिरावट दोनों स्थिति में ही मुनाफा कमा पाएंगे.
पोर्टफोलिया पर रखें नजर
ऐसा माना जाता है कि म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के लिए है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप सिर्फ निवेश करते रहिये और अपने पोर्टफोलियो पर नजर रही नहीं रखे. आपको बतौर निवेशक समय-समय पर स्कीम्स और पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी चाहिए. इससे आपको अपने तय टारगेट के मुताबिक, पोटफोलियो में फेरबदल करने में आसानी होगी.
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