सियोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया के निवेशकों को भारत में निवेश की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हुए गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और यह जल्द ही पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. पीएम मोदी यहां भारत-कोरिया व्यापार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत ‘अवसरों की भूमि’ है. पीएम ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती की ओर रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘दुनिया की कोई और बड़ी अर्थव्यवस्था इस समय साल दर साल सात प्रतिशत की वृद्धि दर से नहीं बढ़ रही है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि Hyundai, सैमसंग और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स समेत 600 से अधिक कोरियाई कंपनियों ने भारत में निवेश किया है.


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उन्होंने कहा, ‘‘हम निवेश के लिए और भी अधिक संख्या में कंपनियों का स्वागत करते हैं. कार विनिर्माता किआ मोटर्स जल्द इस क्लब में शामिल होने वाली है.’’पीएम ने कहा कि कारोबारी दौरों को आसान बनाने के लिए पिछले साल अक्टूबर से हमने कोरियाई लोगों को आगमन पर वीजा की सुविधा दी है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था का बुनियादी आधार मजबूत है. हम निकट भविष्य में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं.’’ 



पीएम मोदी ने कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) जैसे कड़े नीतिगत निर्णय और अधिक क्षेत्रों को विदेशी निवेश के लिए खोलने से भारत को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता सूची में 65 स्थान की छलांग लगाकर 77वें स्थान पर पहुंचने में मदद मिली है. उन्होंने अगले साल तक भारत को शीर्ष 50 कारोबार सुगमता वाले देशों की सूची में शामिल कराने का लक्ष्य रखा है.



उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए अब हम पहले से अधिक खुली अर्थव्यवस्था है. हमारे 90 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों में स्वत: मंजूरी मार्ग से एफडीआई करना अब संभव है. इससे भारत के प्रति विश्वास बढ़ा है और पिछले चार साल में देश में 250 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में ढाई हजार अरब डॉलर के आकार के साथ भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अब हम कृषि प्रधान देश से उद्योग और सेवा आधारित अर्थव्यवस्था में बदल रहे हैं. भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था जुड़ा है और अब लाल फीताशाही की बजाय लाल गलीचा बिछा कर निवेश का स्वागत कर रहा है.



भारत, कोरिया के 10 सबसे प्रमुख व्यापार साझेदार देशों में से एक है. कोरियाई सामानों के निर्यात के मामले में भारत का स्थान छठा है. वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच 21.5 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. पीएम ने कहा, ‘‘ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के उन्नयन के लिए बातचीत को तेज किया गया है ताकि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सके. ना केवल व्यापार, निवेश के मामले में भी सकारात्मक बदलाव आया है. कोरिया का भारत में कुल निवेश छह अरब डॉलर तक पहुंच गया है.’’ 


(इनपुट-भाषा)