नई दिल्ली: आखिरकार नरेश गोयल और सुनीता गोयल को Jet Airways के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देना पड़ा. उनके अलावा Etihad Airways के एक प्रमोटर को भी बोर्ड से बाहर जाना पड़ा है. नरेश गोयल अब जेट एयरवेज के चेयरमैन पद पर नहीं  रह गए हैं. कंपनी पर करीब 7000 करोड़ रुपये का कर्ज है. पिछले कई महीने से कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है. विमानों का पट्टा नहीं दे पाने की वजह से 41 विमान ग्राउंड हो चुके हैं. तमाम कोशिश के बावजूद नरेश गोयल कंपनी को मुश्किल से उबार पाने में नाकाम रहे.


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कंपनी को करीब 1500 करोड़ रुपये की तत्काल जरूरत है. गोयल द्वारा पद छोड़ने के बाद कंपनी को अब बैंकों से यह मदद मिल जाएगी. बता दें, नरेश गोयल के पास 51 फीसदी शेयर है और Etihad Airways के पास 24 फीसदी शेयर है. कंपनी को हर हाल में मार्च के आखिरी तक 1700 करोड़ रुपये का भुगतान करना है.



रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के बोर्ड पर अब कर्जदारों के प्रतिनिधियों का कब्जा हो गया है. इनके पास अब 50 फीसदी से ज्यादा शेयर होगा. बैंकों के द्वारा जिस बोर्ड का गठन किया गया वह फिलहाल कंपनी के कामकाज को देखेगा.


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एतिहाद ने 2013 में पहला निवेश किया था
Etihad Airways ने 2013 में कंपनी में 600 मिलियन डॉलर (4200 करोड़ रुपये) का निवेश किया था, जिसके बाद कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 24 फीसदी की हो गई थी. उस समय भी कंपनी की माली हालत बिगड़ गई थी. इस बार माली हालत बिगड़ने पर नरेश गोयल ने Etihad Airways से और निवेश करने को कहा. कंपनी को बैंक से भी कर्ज नहीं मिल रहे हैं.