New Zealand Recession: समंदर के बीच बसा शहर न्यूजीलैंड अपनी खूबसूरती को लेकर दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन इन दिनों इस देश पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. देश की इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ गई है. पिछले 18 महीने में दूसरी बार न्यूजीलैंड की इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ गई है. दुनिया का खूबसूरत देश डेढ़ साल में दूसरी बार मंदी की चपेट में आकर बुरी तरह से हिल गया है. 


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न्यूजीलैंड में मंदी 


न्यूजीलैंड की इकोनॉमी बुरे दौर में पहुंच गई है. सांख्यिकी एजेंसी स्टैंट्स एजेंसी एनजेड के ताजा आंकड़ों ने न्यूजीलैंड के सच को दुनियाभर के सामने ला दिया है. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़ों के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था में 0.1 फीसदी की गिरावट आई है. दिसंबर तिमाही में न्यूजीलैंड का ग्रोथ 0.1 फीसदी गिर गया. इससे पहले जीडीपी में 0.3 फीसदी की गिरावट आई थी. जहां जानकारों ने उम्मीद जताई थी कि न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, उसके उलट इकोनॉमी 0.1 फीसदी लुढ़क गई. जीडीपी के आंकड़े निगेटिव हो गए हैं. महंगाई दर 6 फीसदी तक बढ़ गया है. देश के कृषि, विनिर्माण, परिवहन और सर्विसेस में गिरावट आई है.  प्रति व्यक्ति के आंकडों में औसतन 0.8 फीसदी की गिरावट आई है. बता दें कि किसी भी अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाही में गिरावट मंदी समझा जाता है. 


न्यूजीलैंड को डबल झटका, 5 में से 4 तिमाही में निगेटिव ग्रोथ    


सांख्यिकी एजेंसी स्टैट्स एनजेड के मुताबिक न्यूजीलैंड का ग्रोथ लगातार गिर रहा है. लोगों की नौकरियां जा रही है. सरकारी कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जा रही है. देश बजट कम किया जाएगा. लोगों के पास खर्च के लिए पैसे नहीं बच रहे हैं. न्यूजीलैंड में खाने-पीने की चीजों के साथ-साथ शराब, मशीनरी और उपकरणों की सेल में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. लोगों के पास खर्च के लिए पैसे नहीं बच रहे हैं.  न्यूजीलैंड ने 2020 में पहली बार मंदी का सामना किया था. कोरोना महामारी के बाद से देश संभल नहीं पा रहा है. कोविड के बाद देश की सीमाओं को बंद किया गया, निर्यात प्रभावित हुआ. जिसने देश में मंदी ला दी. न्यूजीलैंड की पिछली पांच तिमाही में से 4 तिमाही में ग्रोथ निगेटिव रहा है. अगर इस तिमाही की बात करें तो इस तिमाही में गिरावट की सबसे बड़ी वजह होलसेल बिजनेस में आई मंदी है.