Banks NPA: पब्लिक सेक्टर के बैंकों को बड़ा `नुकसान`, वित्त मंत्री ने संसद में किया खुलासा
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों से जुड़ी जानकारी संसद में दी है. उन्होंने बताया वसूली के बाद पिछले पांच साल में बट्टे खाते में डाला गया कुल लोन 6.31 लाख करोड़ रुपये रह गया.
Non Performing Assets: पब्लिक सेक्टर के बैंक मार्च 2022 को पूरे हुए पांच साल में 7.34 लाख करोड़ के एनपीए (NPA) में डाले गए लोन का 14 प्रतिशत ही वसूल कर सके. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि 7.34 लाख करोड़ के एनपीए में से केवल 1.03 लाख करोड़ रुपये की ही वसूली की. वित्त मंत्री ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों से जुड़ी जानकारी संसद में दी है. उन्होंने बताया वसूली के बाद पिछले पांच साल में बट्टे खाते में डाला गया कुल लोन 6.31 लाख करोड़ रुपये रह गया.
चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किया गया
एक अन्य प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि एनपीए (NPA) में वे भी शामिल हैं जिनके संबंध में चार साल पूरे होने पर पूर्ण प्रावधान किया गया है. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के दिशानिर्देशों और बैंकों के निदेशक मंडलों द्वारा अनुमोदित नीति के अनुसार गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA), को बट्टे खाते में डालते हुए संबंधित बैंकों के बही-खाते से हटा दिया गया है. इसमें वे एनपीए (NPA) भी शामिल हैं, जिनके लिए पूर्ण प्रावधान किया गया था.
क्या होता है एनपीए
एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट (Non Performing Asset) यानी फंसा हुआ कर्ज. सीधे शब्दों इसे यू कह सकते हैं कि लोन लेने के बाद जब कर्जदाता किस्त चुकाने में सक्षम नहीं होता तो बैंकों की रकम फंस जाती है. बैंक की तरफ पहले इस रकम को जमा कराने का प्रयास किया जाता लेकिन बाद में इसे एनपीए (NPA) घोषित कर दिया जाता है.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे