Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana: प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) के आठ साल पूरे हो चुके हैं. इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बयान जारी किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्तीय समावेशन समावेशी वृद्धि की तरफ बढ़ने वाला एक बड़ा कदम है जिससे समाज के सभी वंचित तबकों का समग्र आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सकता है. सीतारमण ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना के आठ साल पूरे होने के मौके पर जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि बैंकिंग सेवा के दायरे से बाहर मौजूद लोगों को वित्तीय व्यवस्था का अंग बनाकर वित्तीय समावेशन की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

करोड़ों बैंक खाते खुले


PMJDY की शुरुआत 28 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी. इस योजना के तहत 46 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं जिनमें 1.74 लाख करोड़ रुपये जमा हैं. सीतारमण ने कहा कि इस योजना की मदद से देश की 67 प्रतिशत ग्रामीण आबादी की पहुंच अब बैंकिंग सेवाओं तक हो चुकी है. इसके अलावा अब 56 प्रतिशत महिलाओं के पास भी जन-धन खाते हैं.


हर वयस्क के पास हो बैंक खाता


वित्त मंत्री ने बयान में कहा, ‘‘पीएमजेडीवाई को 2018 के बाद भी जारी रखने का फैसला देश में वित्तीय समावेशन के उभरते परिदृश्य की जरूरतों और चुनौतियों का सामना करने की मंशा से प्रेरित था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हर परिवार के बजाय हर वयस्क के पास बैंक खाता होने को तवज्जो दी गई है. जन धन खातों के जरिये लोगों के पास सीधे सरकारी पैसा भेजने और रुपे कार्ड के इस्तेमाल से डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने का तरीका अपनाया गया है.’’


मदद पहुंचाने में काफी कारगर


उन्होंने यह भी कहा कि लोगों के जन-धन खातों को उनकी सहमति लेकर आधार नंबर और मोबाइल नंबर से जोड़ने की व्यवस्था (जेएएम) ने विभिन्न सरकारी कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों को सीधे पैसे भेज पाना सुविधाजनक हो गया है. सीतारमण ने कहा कि वित्तीय समावेशन के लिए बनाई गई यह व्यवस्था कोविड-19 महामारी के समय जरूरतमंद लोगों तक फौरन मदद पहुंचाने में काफी कारगर साबित हुई. (इनपुट: भाषा)


ये खबर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर