FM Nirmala Sitharaman: देशभर में बैंकिंग सुविधाओं (Banking System) को सुधारने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की तरफ से कई अभियान और सुविधाएं दी जा रही हैं. अब बैंकों को लेकर वित्त मंत्री की तरफ से काफी चिंता जताई जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (Regional rural banks) के कंप्यूटरीकरण में धीमी प्रगति को लेकर चिंता जतायी और गांवों-कस्बों में बेहतर वित्तीय सेवाएं देने के लिये इसमें तेजी लाने को कहा है. 


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सरकार ने पेश किया है किसान पोर्टल


सीतारमण ने किसान लोन पोर्टल और मौसम सूचना नेटवर्क डाटा प्रणाली (विंड्स) नियमावली पेश करने के बाद कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के डिजिटलीकरण के लिये काफी काम किया जाना बाकी है.


सहकारी बैंक सामान्य रूप से संपन्न नहीं


उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक समान रूप से संपन्न नहीं हैं और उनकी वित्तीय सेहत अलग-अलग है. गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले सहकारिता मंत्रालय के तहत इस क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने का काम हो रहा है.


सहकारी बैंकों का तेजी से होगा डिजिटलीकरण


वित्त मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों का डिजिटलीकरण आवश्यक गति से होगा. हालांकि, उन्होंने कहा है कि मैं RRB, उनके डिजिटलीकरण और कम्प्यूटरीकरण के बारे में अधिक चिंतित हूं. इसलिए, अगर उनके पास यह नहीं है, तो फोन बैंक सुविधा... या इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का विस्तार...काम नहीं करेगा.


वित्त मंत्री ने दी ये जानकारी 


वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत सारा काम अभी भी लंबित है और वित्तीय सेवा विभाग तेज गति से कंप्यूटरीकरण को लेकर उन्हें जागरूक कर रहा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन’ के दौरान गांवों ने अर्थव्यवस्था को थामे रखा, इसको देखते हुए किसान और कृषि क्षेत्र को सरकार काफी महत्व दे रही है.


कृषि मंत्री ने कहा किसानों की बढ़ी आमदनी


इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार के विभिन्न उपायों से किसानों की आमदनी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय के लिये बजट आवंटन 2013-14 से कई गुना बढ़ गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस क्षेत्र को बहुत महत्व देती है.


कर्ज के बारे में बोले कृषि मंत्री


तोमर ने अल्पकालिक फसल कर्ज के बारे में कहा कि क्षेत्र के लिये कोष की कोई कमी नहीं है. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर जोर देने के साथ चालू वित्त वर्ष में कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये आंका गया है. आमतौर पर कृषि कर्ज पर नौ प्रतिशत ब्याज लगता है. हालांकि, सरकार किफायती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद को ब्याज छूट प्रदान कर रही है.


मिलेगा 3 लाख का लोन


किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक एग्रीकल्चर लोन सुनिश्चित करने को लेकर सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दे रही है.


केसीसी के बारे में बोलीं वित्त मंत्री


सीतारमण ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kcc) के बारे में कहा कि बैंकों को केसीसी योजना के तहत किसानों को सब्सिडी वाला कर्ज प्राप्त करने में मदद करने को ‘किसान ऋण पोर्टल’ के लिये सभी जरूरी आंकड़े 31 दिसंबर, 2023 तक देने चाहिए. उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि सभी आंकड़े बैंक निर्धारित समय में उपलब्ध कराएं.


1 अक्टूबर से शुरू होगा ये अभियान


वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना को घर-घर तक पहुंचाने के लिये केसीसी अभियान शुरू किये जाने की घोषणा की. यह अभियान एक अक्टूबर, 2023 को शुरू किया जाएगा.


इनपुट - भाषा एजेंसी