कर्ज और कंगाली से उभरने के लिए पाकिस्तान का नया पैंतरा, विकास योजना के लिए 3790 अरब रुपये की मंजूरी
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत किसी से छिपी नहीं है. कर्ज, कंगाली और गरीबी ने पाकिस्तान का हाल बेहाल कर रखा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान की हालत बद से बदतर होती जा रही है.
Pakistan Economy: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत किसी से छिपी नहीं है. कर्ज, कंगाली और गरीबी ने पाकिस्तान का हाल बेहाल कर रखा है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने सबसे खराब दौर से गुजर रही है. आर्थिक बदहाली का सामना कर रहे पाकिस्तान की हालत बद से बदतर होती जा रही है. डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने नया पैतरा अपनाया है. पैसों की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान ने विकास को बढ़ावा देने के लिए नई कोशिश की है .
पाकिस्तान ने अगले वित्त वर्ष के लिए 3790 अरब रुपये (13.6 अरब अमरीकी डॉलर) की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय विकास योजना को मंजूरी दे दी है.नकदी की कमी से जूझ रहे देश के अधिकारी विकास को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (एनईसी) की सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. यह फैसला बुधवार को बजट 2024-25 पेश होने से ठीक दो दिन पहले किया गया. समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बैठक की अध्यक्षता की. सभी चार प्रांतों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक चार घंटे तक चली.
बैठक में संघीय सार्वजनिक क्षेत्र विकास कार्यक्रम (पीएसडीपी) को चालू वित्त वर्ष के 950 अरब रुपये की तुलना में 47 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 1400 अरब रुपये करने को मंजूरी दी गई. एनईसी ने 2095 अरब रुपये की लागत वाली प्रांतों की संचयी वार्षिक विकास योजनाओं को भी मंजूरी दी.साथ ही 80 प्रतिशत से अधिक पूरी हो चुकी उच्च प्राथमिकता वाली प्रांतीय परियोजनाओं को वित्त पोषण जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.