Hit and Run Law Drivers Strike: नया साल शुरू हो गया है. इसके साथ ही काफी चीजें बदल रही हैं. एक तरफ पहाड़ों पर पहुंची पर्यटकों की भारी भीड़ च‍िंता बढ़ा रही है तो दूसरी तरफ ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल से स्‍थ‍ित‍ि पर असर पड़ रहा है. क्र‍िसमस और नए साल पर ह‍िमाचल व उत्‍तराखंड में भारी संख्‍या में टूर‍िस्‍ट के पहुंचने से जाम की तस्‍वीरें सामने आई हैं. प‍िछले द‍िनों ड्रोन से ली गई तस्‍वीरों को पुल‍िस ने जारी क‍िया तो इनमें भीषण जाम देखा गया. अटल टनल, रोहतांग ला पर हजारों वाहनों के फंसने से कई किलोमीटर लंबा जाम लगने से स्‍थ‍ित‍ि ब‍िगड़ गई. इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की क‍िल्‍लत की खबरें आ रही हैं. ह‍िमाचल में द‍िल्‍ली और दूसरे राज्‍यों से गए पर्यटकों को पेट्रोल नहीं म‍िल रहा.


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पहाड़ों के बाद प्‍लेन में भी स्‍थ‍ित‍ि सामान्‍य नहीं


पहाड़ों में पेट्रोल-डीजल पहुंचने का एकमात्र साधन ट्रक होते हैं. लेक‍िन ट्रक ऑपरेटर्स के नए मोटर व्हीकल एक्ट के व‍िरोध में जाने से स्‍थ‍ित‍ि लगातार ब‍िगड़ रही है. पहाड़ों के बाद प्‍लेन में भी स्‍थ‍ित‍ि सामान्‍य नहीं है. केंद्र सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट का देश के अलग-अलग ह‍िस्‍सों में व‍िरोध हो रहा है. ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल का आज दूसरा दिन है. उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश समेत कई राज्‍यों में हड़ताल के बाद दूसरे राज्‍यों के ऑपरेटर भी स्‍ट्राइक में शाम‍िल हो सकते हैं. इस सबके बीच पेट्रोल-डीजल की सप्‍लाई समेत जरूरी सेवाएं तक प्रभाव‍ित होने की आशंका है.


मध्य प्रदेश में पेट्रोल पंपों पर स्‍टॉक खत्‍म
ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण मध्य प्रदेश में पेट्रोल पंपों पर स्‍टॉक खत्‍म हो गया है. ऑल इंड‍िया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) की तरफ से हड़ताल का आह्वान क‍िया गया. AIMTC की तरफ से सरकार से ह‍िट एंड रन केस में दस साल की सजा पर फ‍िर से व‍िचार करने की गुजार‍िश की गई है. इसके बाद मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, ब‍िहार, ह‍िमाचल प्रदेश, जम्‍मू-कश्‍मीर, पंजाब, छत्‍तीसगढ़ में जाम का असर द‍िखा. अलग-अलग राज्‍यों में पेट्रोल-डीजल की क‍िल्‍लत की खबरें आ रही हैं. ह‍िमाचल में द‍िल्‍ली और दूसरे प्रदेशों से गए पर्यटकों को पेट्रोल नहीं म‍िल पा रहा. आइए समझते हैं पेट्रोल-डीजल की सप्लाई का पूरा स‍िस्‍टम क‍िस तरह काम करता है?


पेट्रोल-डीजल का उत्पादन
क्रूड ऑयल की सप्‍लाई के बाद पेट्रोल-डीजल का उत्पादन तेल रिफाइनरियों में किया जाता है. रिफाइनरियां क्रूड ऑयल को गर्म करके और इसे व‍िभ‍िन्‍न प्रक्र‍िया से गुजराकर पेट्रोल-डीजल के अलावा अन्य प्रोडक्‍ट जैसे केरोसिन, जेट फ्यूल और ग्रीस का उत्पादन करती हैं. र‍िफाइनरी में पेट्रोल-डीजल को तैयार करने के ल‍िए क्रूड ऑयल को ड‍िस्‍टीलेशन, क्रैक‍िंग, हाइड्रोक्रॉकिंग, हाइड्रोजनीकरण और र‍िफाइन‍िंग की प्रक्र‍िया से गुजारा जाता है. इन सभी प्रक्रिया के पूरा होने के बाद पेट्रोल-डीजल को इकट्ठा करके पेट्रोल पंप तक भेज दिया जाता है.


ड‍िस्‍ट्रीब्‍यूशन
र‍िफाइनरी में क्रूड ऑयल से प्राप्‍त पेट्रोल-डीजल का वहां पर स्‍टॉक रहता है. इसके बाद र‍िफाइनरी से पेट्रोल-डीजल की सप्‍लाई टैंकर या पाइपलाइन के जर‍िये पेट्रोल पंप पर की जाती है. कई बार तेल की सप्‍लाई रेल वैगनों के जर‍िये भी की जाती है. पहाड़ी इलाकों में पेट्रोल-डीजल की सप्‍लाई केवल ट्रक या टैंकर के जर‍िये ही की जा सकती है. वहां सप्‍लाई का दूसरा कोई सोर्स नहीं होता.


स्‍टोरेज
र‍िफाइनरी से यद‍ि पेट्रोल-डीजल रेलवे वैगन से आता है तो इसे टैंकर के माध्‍मय से पेट्रोल पंप पर पहुंचाया जाता है. लेक‍िन यद‍ि तेल टैंकर से सप्‍लाई होता है तो इसे पेट्रोल-पंप पर पहुंचने के बाद स्‍टोर क‍िया जाता है. दोनों तरह से सप्‍लाई का आख‍िरी मकसद पेट्रोल-डीजल की पेट्रोल पंप पर स्‍टोरेज से है. इसके बाद जब ग्राहक पेट्रोल या डीजल खरीदने के ल‍िए पेट्रोल पंप पर जाता है तो इसे टैंक से न‍िकालकर कस्‍टर की कार या बाइक में भरा जाता है.


ट्रक हड़ताल से असर
र‍िफाइनरी में तैयार होने वाले पेट्रोल-डीजल को पेट्रोल पंप तक पहुंचाने में ट्रक और टैंकर का ही सबसे बड़ा योगदान है. अब जब ट्रक यून‍ियन न‍ियम में बदलाव का व‍िरोध करके हड़ताल पर जाने का आह्वान कर रही हैं तो इससे तेल की सप्‍लाई पर असर पड़ना तय है. कुछ मीड‍िया र‍िपोर्ट में कहा गया है क‍ि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल की सप्‍लाई पर और असर द‍िखाई दे सकता है. इसके बाद पेट्रोल पंपों पर तेल भरवाने वालों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं. लोग अपनी कारों के टैंक फुल करवा रहे हैं.


क्‍यों व‍िरोध कर रहे ट्रक ड्राइवर
सरकार की तरफ से ह‍िट एंड रन मामलों में सजा बढ़ाने का प्रावधान क‍िया गया है. मोटर व्‍हीकल एक्‍ट में ह‍िट एंड रन से जुड़े कानून में बदलाव के व‍िरोध में कई राज्‍यों के ट्रक ऑपरेटर्स उतर आए हैं. दरअसल, आईपीसी की धारा 279 यानी लापरवाही से वाहन चलाने, 304A यानी लापरवाही से मौत और 338 यानी जान जोख‍िम में डालने के तहत केस दर्ज क‍िया जाता रहा है. लेक‍िन नए कानून में मौके से फरार होने वाले ड्राइवर पर धारा 104 (2) के तहत केस दर्ज होगा. पुल‍िस या मज‍िस्‍ट्रेट को जानकारी नहीं देने पर उसे 10 साल की कैद के साथ जुर्माना भी देना होगा.