नई दिल्‍ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ब्याज दरों में छेड़छाड़ न करने के बावजूद रुपया और गिरने की आशंका है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में ब्‍याज दरों में बदलाव और क्रूड की ऊंची कीमतों के कारण भारतीय रुपए पर और दबाव पड़ेगा. 


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तेल की कीमतें और डॉलर जिम्‍मेदार : जेटली
जानकारों की मानें तो एफआईआई बाजार से पैसा लगातार निकाल रहे हैं और वैश्विक स्‍तर पर बाजार में ऊहापोह की स्थिति है. ये कारक रुपए को डॉलर के मुकाबले और कमजोर करेंगे. यह गिरकर 75 रुपए के स्‍तर तक जा सकता है. शुक्रवार दोपहर बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 74 के स्तर से नीचे लुढ़क गया था. वित्‍त मंत्री अरुण जेटली भी कह चुके हैं कि रुपया दो ही कारकों से टूट रहा है. तेल की कीमतें और मजबूत डॉलर.


सीएडी कम करने के लिए उठाएंगे कदम
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि चालू खाता घाटा (सीएडी) अब भी चिंता का विषय है. इस समस्या को समाप्त करने के लिए और कई कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'मौजूदा व्यापार घाटे को कम करने के लिए हम तैयार हैं और इस स्थिति से निपटने के लिए धीरे-धीरे कई कदम उठा रहे हैं. जिस तरह से स्थिति आगे बढ़ती हैं, आप देखेंगे कि इस दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे.'


आरबीआई ने नहीं बढ़ाया रेट
बाजार को ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद थी, जिसे आरबीआई ने गलत साबित कर दिया. आरबीआई ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं करते हुए रेपो दर को 6.5 फीसदी पर, जबकि रिवर्स रेपो दर को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है.


राहुल ने केंद्र पर साधा था निशाना
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रुपये में लगातार हो रही गिरावट को थामने में असफल रहने पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गुरुवार को 73.77 के स्तर तक लुढ़क गया. कच्चे तेल की बढ़ रही कीमतों और रुपये में गिरावट से पूंजी के बहिर्वाह को लेकर चिंता बढ़ी है. राहुल ने ट्वीट कर कहा, 'ब्रेकिंग : डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 73.77 पर पहुंचा. यह ब्रेकिंग नहीं. ब्रोकन है.'


इनपुट एजेंसी से भी